इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपनी जेल में बंद भारतीय नागरिक एवं भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को दूसरे काउंसलर एक्सेस का न्यौता दिया है।
पाकिस्तान ने इसके साथ ही जाधव के पिता को भी बेटे से मिलने की अनुमति दे दी है। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया है कि श्री जाधव ने समीक्षा याचिका दायर करने से मना कर दिया है और चाहते हैं कि उनकी दया याचिका को आगे बढ़ाया जाए।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाहिद हाफिज चौधरी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 17 जून को जाधव को पुर्नविचार याचिका दायर करने के लिए बुलाया गया था लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया।
साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनकी दया याचिका को ही आगे बढ़ाया जाए। इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के निर्णय के प्ररिप्रेक्ष्य में जाधव मामले की समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है।
हेग स्थित आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में फैसला दिया था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और और सजा की ‘प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार’ करना चाहिए। इसने पाकिस्तान से यह भी कहा था कि वह जाधव को अविलंब राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
इसके बाद भारत ने आईसीजे से संपर्क कर जाधव की सजा और राजनयिक पहुंच की अनुमति न देने के पाकिस्तान के फैसले को चुनौती दी थी। भारत हमेशा कहता रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां वह सेवानिवृत्ति होने के बाद कारोबार कर रहे थे।
पाकिस्तान अब आईसीजे के फैसले के उलट पुनर्विचार याचिका ही नहीं दायर करने दे रहा है। आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव की सजा की समीक्षा करने और उन्हें जल्द से जल्द काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया था। तबसे भारत इस आदेश को लागू कराने की कोशिश में पाकिस्तान के संपर्क में बना हुआ है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में जाधव के मामले में किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि आईसीजे के फैसले को लागू करने को लेकर संविधान के अनुसार ही कोई कदम उठाया जाएगा।