इस्लामाबाद। इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने राष्ट्रद्रोह मामले में पूर्व सैन्य प्रशासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ मामले की सुनवाई स्थगित करने से बुधवार को इन्कार कर दिया।
न्यायाधीश ताहिरा सफदर की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने सुनवाई स्थगित करने के साथ ही सेवानिवृत्त जनरल के न्यायालय के समक्ष बार-बार उपस्थित नहीं होने को देखते हुए उनके बचाव का अधिकार भी रद्द कर दिया है।
पूर्व सैन्य प्रशासक संघीय सरकार की शिकायत पर संविधान के अनुच्छेद छह और राष्ट्रद्रोह कानून की धारा दो के तहत उच्च राष्ट्रद्रोह के मामले का सामना कर रहे हैं।
न्यायालय में आज सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर ने कहा कि पूर्व सैन्य प्रशासक मौत से लड़ रहे हैं। वकील ने न्यायालय में कहा कि पूर्व प्रशासक शारीरिक अथवा दिमागी तौर पर देश लौटने की स्थिति में नहीं हैं।
अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले की सुनवाई स्थगित करने के लिए बार-बार आग्रह ठुकराए जाने को लेकर पूर्व सैन्य प्रशासक व्यथित हैं।
मुशर्रफ के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल का तेजी से वजन घट रहा है और वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं और व्हील चेयर इस्तेमाल करते हैं। वकील ने न्यायालय से गुहार लगाई कि मुशर्रफ को एक और मौका दिया जाना चाहिए जिससे वह स्वयं हाजिर हो सकें।
‘डाॅन न्यूज’ के अनुसार न्यायमूर्ति सफदर ने टिप्पणी की कि उच्चतम न्यायालय फैसला दे चुका है। इस पर मुशर्रफ के वकील का जवाब था कि वह जानते हैं और उनका अनुरोध है कि याचिका को दया के आधार पर स्वीकार किया जाना चाहिए।