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pakistan ex-president Asif Ali Zardari Arrested in another corruption case-आसिफ अली जरदारी भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में अरेस्ट - Sabguru News
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आसिफ अली जरदारी भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में अरेस्ट

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आसिफ अली जरदारी भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में अरेस्ट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया है।

करोड़ों डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जरदारी अपनी बहन फरयाल तालपुर के साथ दो जुलाई तक नेशनल जवाबदेही ब्यूरो (नैब) की हिरासत में थे। नैब के मुताबिक दोनों ने नकली बैंक खातों के माध्यम से 15 करोड़ रुपये का लेन-देन किया।

समाचारपत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक नैब जांच कर्ताओं का मानना था कि यदि मंगलवार को समाप्त होने वाले श्री जरदारी के शारीरिक रिमांड को अदालत ने आगे नहीं बढ़ाया तो उन्हें एक और विकल्प की आवश्यकता होगी और उन्हें लंबे समय तक नैब हिरासत में रखने के लिए पार्क लेन मामले में गिरफ्तारी वारंट का उपयोग कर सकते हैं।

विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति जरदारी (63) इस बार पार्क लेन मामले में गिरफ्तार किए गए हैं जो लंदन में कथित संपत्तियों से संबंधित है।

वर्ष 2007 में भुट्टो की हत्या के बाद जरदारी पीपीपी के सह-अध्यक्ष बने। उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में दायर अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ले ली।

जरदारी ने कहा कि उन्होंने याचिका इसलिए वापस ले ली क्योंकि अगर उन्हें जमानत दी गई तो नैब अधिक फर्जी मामलों के साथ आएगा। पिछले हफ्ते, गिरफ्तार होने के बाद पहली बार वह संसद में उपस्थित हुए और अपनी गिरफ्तारी को समाप्त करने की अपील करते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि लोगों में डर पैदा होगा। नैब को पार्क लेन मामले में जरदारी की रिमांड मिलने की उम्मीद है।

जरदारी और उनकी बहन फरयाल पर पहले से ही कई लाख डॉलर का पैसा ठिकाना लगाने और उसे विदेश भेजने के लिए फर्जी खातों का इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं। दोनों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था और दोनों ने आरोपों से इनकार किया है।

उनके राजनीतिक करियर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसके कारण उन्हें कई साल हिरासत में बिताने पड़े, हालांकि उन्हें कभी दोषी नहीं ठहराया गया।

वर्ष 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति जरदारी ने फर्जी खातों से किसी प्रकार के संबंधों से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि यह आरोप सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है।