इस्लामाबाद। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाले संगठन जमात उद- दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर हो गए हैं।
पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों संगठनों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश जारी किया था जिसकी अवधि अब समाप्त हो गई है। अध्यादेश की अवधि समाप्त होने के साथ ही जमात उद- दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन प्रतिबंधित सूची से बाहर हो गए हैं।
हाफिज सईद की ओर से गुरुवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में यह दलील दी गयी कि राष्ट्रपति की ओर से जारी अध्यादेश की अवधि अब समाप्त हो गई है। अध्यादेश की अवधि को आगे नहीं बढ़ाया गया, इसलिए जमात उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर किया जाए।
याचिकाकर्ता हाफिज सईद ने राष्ट्रपति के उस अध्यादेश को चुनौती दी जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी सूची में शामिल करने के लिए उसके दोनों संगठनों को प्रतिबंधित किया गया था।
गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को सुरक्षा परिषद की निगरानी सूची के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के लिए ‘आतंकवाद निरोधक अधिनियम-1997’ में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया था।