सबगुरु न्यूज। एक पुरानी कहावत है, दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान यही करने में लगा हुआ है। पिछले एक महीने से भारत की नेपाल और चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जबरदस्त तनातनी चल रही है। भारत की दोनों पड़ोसियों के साथ चल रही तनातनी का पाकिस्तान पूरा फायदा उठाने में लगा हुआ है यही नहीं अब यह हमारा धूर्त पड़ोसी भारत को धमकी देने पर उतर आया है। पाकिस्तान इस बात को भलीभांति जानता है कि इससे अच्छा मौका उसके लिए और कोई नहीं हो सकता है। वहीं भारत के लिए भी पड़ोसी नेपाल और चीन से सीमा विवाद एक साथ का होना दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। नेपाल और चीन को पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ भड़का रहा है।
भारतीय सरहद लद्दाख पर चीन के अतिक्रमण का खुलकर समर्थन करने के बाद अब पाकिस्तान ने भारत को धमकी दे डाली है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिकार ने कहा कि भारत अगर कोई भी सैन्य दुःसाहस करता है तो उसे अनियंत्रित परिणाम भुगतने होंगे। यही नहीं पाक सेना ने कहा कि भारत आग से खेलने की कोशिश न करे। लेकिन पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम जल्द ही नेपाल और चीन से सीमा विवाद सुलझा लेंगे जिसके लिए लगातार वार्ता और प्रयास जारी है। पाकिस्तानी सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान को याद रखना होगा मौजूदा समय में भारत की कूटनीति का आज विश्व केेे कई देश खुलकर समर्थन भी कर रहे हैं। इससेे पहले पाक भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मसला उठाता रहा है लेकिन हर बार उसेेेे मुंह की खानी पड़ी है।
पाकिस्तान भारत पर वही बेबुनियाद आरोप लगा रहा है जो वह वर्षों से लगाता आया है
नेपाल और चीन के साथ पाकिस्तान भी सुर में सुर मिला रहा है। पाक की सेना भारत पर वही बेबुनियाद आरोप लगा रही है जो वह वर्षों से लगाती आई है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिकार ने भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया। सेना प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर में असंतोष दबाने के लिए भारतीय सेना कश्मीरी युवाओं को प्रताड़ित कर रही है। यही नहीं पाक सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर भी उन्होंने शर्मिंदगी झेली। फिर अपने घर में वे कोरोना वायरस महामारी को लेकर तमाम मुद्दों से जूझ रहे हैं । यही नहीं पाक सेना प्रवक्ता ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान की तरफ आगे बढ़ने की कोशिश करेगा तो पाकिस्तान भी पूरी ताकत से जवाब देगा।
बाबर इफ्तिकार ने कहा कि मजदूरों के पलायन ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत में किस तरह का प्रबंधन किया जा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से सुस्त पड़ गई है। यहां हम आपको बता दें कि पाकिस्तान भारत पर यह फिजूल की बातें इसलिए कर रहा है कि आज उसके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कोरोना वायरस से उसकी आर्थिक स्थित बुरी तरह चरमरा गई है।
आज विश्व के तमाम देश उससे बात करने से भी कतरा रहे हैं। लेकिन पाक सेना अपने देश की समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय भारत के खिलाफ बयानबाजी में व्यस्त है। लेकिन पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब जब उसने भारत के साथ युद्ध की चाल चली है तब तब उसे भारी नुकसान पहुंचा है। अच्छा होता पाकिस्तान अपने आंतरिक मसले सुलझा ले, वह नेपाल और चीन की आड़ में भारत पर व्यर्थ में ही अपना समय जाया कर रहा है।
लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच बन रहे हैं युद्ध जैसे हालात
भारत और चीन के बीच एक महीने से लद्दाख इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस इलाके में सड़क निर्माण बनाने पर दोनों देशों के बीच माहौल गर्म बना हुआ है। यही नहीं लद्दाख क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात भी धीरे-धीरे बनते जा रहे हैं। दोनों देशों की ओर से लद्दाख क्षेत्र में हथियारों और सेनाओं का भारी जमावड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। इस मसले को निपटाने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है।
लेकिन भारत किसी भी तरह की कोई ढील नहीं छोड़ना चाहता है इसलिए हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लद्दाख के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास भारत ने हवाई पट्टी का निर्माण तेज किया है। इसके अलावा अगर चीन इस क्षेत्र में अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है तो भारत भी पीछे नहीं है वह भी अपने हथियारों से लैस सेनाओं को मुस्तैद कर रहा है।
सीमा क्षेत्र में सड़क बनाने को लेकर नेपाल और भारत भी हैं आमने-सामने
यह सच है कि भारत इस समय नेपाल और चीन को लेकर दोहरी मुसीबत में दिखाई दे रहा है । भारत के इन दोनों देशों के विवाद सीमा क्षेत्र को लेकर ही है । इस बार विवाद का कारण है सड़क। ये सड़क उत्तराखंड-नेपाल सीमा के पास घटियाबगढ़ से लिपुलेख दर्रा के बीच बन रही है। इसकी लंबाई 80 किमी है। यहां हम आपको बता दें कि हर साल लाखों श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए जाते हैं। ये कैलाश मानसरोवर है तिब्बत में। वही तिब्बत, जिस पर चीन अपना अधिकार बताता है। कैलाश मानसरोवर जाने के हमारे पास तीन रास्ते हैं। पहला रास्ता है सिक्किम का नाथूला दर्रा। दूसरा रास्ता है नेपाल। और तीसरा रास्ता है उत्तराखंड का है। इस मार्ग पर नेपाल को इसलिए आपत्ति है, लिपुलेख दर्रा भारतीय सीमा के एकदम आखिर में है।
ये वहां बना है जहां भारत, नेपाल और चीन (तिब्बत) की सीमा आकर मिलती है। गौरतलब है कि 8 मई को जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सड़क का उद्घाटन किया, तो उसके अगले दिन नेपाल ने इस पर भारी आपत्ति जताई थी। मालूम हो कि नेपाल हमारा बहुत पुराना और वफादार साथी रहा है। ऐसे में सभी के मन सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हो गया की सदियों पुरानी दोस्ती और आम तौर पर मधुर रहने वाले रिश्तों में हाल के दिनों में इतनी कड़वाहट आ गयी कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने यहां तक कह दिया कि ‘भारतीय कोरोना’ ‘चाइनीज कोरोना’ से ज्यादा खतरनाक है। हमारे नेपाल के साथ रिश्ते खराब होने के लिए इसका जिम्मेदार चीन ही है वह लगातार हमारे पड़ोसी देश नेपाल को भारत के खिलाफ भड़का रहा है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार