पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय अपने सेना और अवाम के बीच घिरते चले जा रहे हैं । देश में ही उनके खिलाफ जनता पिछले 15 दिन सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन कर रही है तो दूसरी ओर पाक सेना भी उनके आदेश को दरकिनार करने में जुटी हुई है । हम बात कर रहे हैं करतारपुर कॉरिडोर से भारतीय श्रद्धालुओं के जाने को लेकर ।
गुरु गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव में भारत की ओर से जाने वाले श्रद्धालुओं का पीएम इमरान ने पासपोर्ट और किराया माफ कर दिया था । इमरान का यह आदेश पाकिस्तान की सेना को नागवार गुजरा । सेना ने पहले तो इमरान का पासपोर्ट फिर करतारपुर कॉरिडोर किराया माफ करने का भी आदेश रद कर दिया । इस प्रकार सेना ने इमरान के दोनों आदेशों को रद कर एक बार फिर चुनौती दे दी है, जिससे पाक हालात एक बार फिर लोकतंत्र के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं ।
पीएम इमरान खान के लिए क्यों बढ़ी मुश्किलें
पाकिस्तान में इमरान खान को प्रधानमंत्री बने लगभग एक वर्ष हो गया है । इमरान जब पाकिस्तान के पीएम बने थे तब वहां की आवाम को अपने नए पीएम से बहुत ही उम्मीदें थी । अरबों रुपये कर्ज के तले दबे पाकिस्तान की स्थिति सुधरेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं । पाक की मौजूदा समय में आर्थिक हालात बद से बदतर हो गए हैं । दूसरी ओर महंगाई से समूचा पाकिस्तान पस्त है । 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाक पीएम खान विश्व के कई नेताओं से भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए गए थे, लेकिन उनको कहीं सफलता नहीं मिल सकी ।
अब इमरान के आदेश को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान सेना ने साफ कर दिया कि कल यानी 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से 20 डॉलर वसूला जाएगा । इससे पहले इमरान खान ने एलान किया था कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर भारतीय श्रद्धालुओं से 20 डॉलर नहीं लिया जाएगा । करतारपुर साहिब के लिए यात्रा शुरू होने में चंद घंटे ही बचे हैं, मगर पाकिस्तान की पैंतरेबाजी है कि खत्म ही नहीं हो रही । सबसे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि करतारपुर साहिब दर्शन के लिए आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन पाकिस्तानी सेना की तरफ से अपने ही पीएम की बात को खारिज कर दिया गया ।
इमरान का सरकार में भी हो रहा विरोध
इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने तीसरा एलान किया था कि करतारपुर साहिब दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन की जानकारी दस दिन पहले पाकिस्तान को देनी जरूरी नहीं होगी, लेकिन उन्हीं की सरकार के प्रवक्ता ने इमरान की बातों से विपरीत बयान दिया । पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शाह फैसल ने कहा कि हमें 10 दिन पहले जानकारी देनी होगी । भारत सरकार भारतीय श्रद्धालुओं की लिस्ट पाकिस्तान को दस दिन पहले भेजा करेगी ।
भारतीय श्रद्धालुओं को वैध पासपोर्ट अपने साथ रखना होगा और करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान सरकार को 20 डॉलर यानी करीब 1400 रुपये का सेवा शुल्क चुकाना होगा । हम करतारपुर कॉरिडोर के मसले पर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में इस समय जो हालात है वह पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए कम चुनौती वाले नहीं है । दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में सेना द्वारा सरकार का तख्तापलट का पुराना इतिहास रहा है ।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार