इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने गुरुवार को लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आयशा ए मलिक को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत करने को मंजूरी दे दी है और इसी के साथ ही वह शीर्ष अदालत में देश की पहली महिला न्यायाधीश बनेंगी।
डॉन समाचार पत्र ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने पाकिस्तान न्यायिक आयोग (जेसीपी) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसके दौरान 55 वर्षीय न्यायमूर्ति मलिक की पदोन्नति को चार के मुकाबले पांच मतों के बहुमत से मंजूरी दी गई।
डॉन के मुताबिक यह दूसरी बार था जब जेसीपी ने जस्टिस मलिक की पदोन्नति पर फैसला करने के लिए बैठक की। पिछले साल 9 सितंबर को जेसीपी की एक विस्तारित बैठक के दौरान आम सहमति की कमी ने आयोग को उनकी पदोन्नति को अस्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था।
सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सांसद और कानून एवं न्याय संसदीय सचिव मलीका बोखारी ने इस घटनाक्रम को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज और माननीय न्यायमूर्ति आयशा मलिक को बधाई। यह हमारे देश के लिए एक खास पल है क्योंकि वह पाकिस्तान सुप्रीमकोर्ट की पहली न्यायाधीश बन गई हैं। महिलाओं का साथ देने के लिए पाकिस्तान न्यायिक आयोग, न्यायमूर्ति बंदियाल और माननीय कानून मंत्री को शुक्रिया।