इस्लामाबाद। पुलवामा फिदायीन आतंकवादी हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने से बराबर इन्कार कर रहे पाकिस्तान ने विदेशी राजनयिकों के समक्ष भी यही राग अलापा और कहा कि इस मामले में 54 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत की तरफ से सौंपे गये डोजियर के आधार पर शुरुआती जांच रिपोर्ट से विदेशी राजनयिकों को अवगत कराया। चौदह फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल काफिले पर फिदायीन हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे।
पुलवामा हमले की जानकारी देने के लिए विदेशी राजनयिकों के लिए बुलाई गयी बैठक के दौरान पाकिस्तान के महाधिवक्ता, विदेश सचिव, आतंरिक सुरक्षा और संघीय जांच एजेंसी के महानिदेशक भी मौजूद थे।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से विदेशी राजनयिकों को बताया गया कि भारत की तरफ से 27 फरवरी को हमले से जुड़े कागजात उपलब्ध कराए गए थे। इनके मिलने के तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने जांच दल का गठन किया और और बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लेकर जांच शुरू की। सोशल मीडिया के कंटेट की प्रौद्योगिकी प्रभावों पर भी शुरुआती काम किया।
भारत की तरफ से सौंपे गये कागजात में यह मुख्य आधार था। राजनयिकों को बताया कि गया भारत 91 पृष्ठों का दस्तावेज सौंपा था। यह दस्तावेज छह भागों में था जिसमें से भाग दो और तीन पुलवामा हमले से संबंधित था जबकि बाकी भाग नियमित आरोपों वाले ही थे।
राजनयिकों को यह भी बताया कि जांच के दौरान भारत की तरफ से मुहैया कराई गयी सभी तथ्यों की विस्तृत जांच की गई। हमलावर आदिल डार के वीडियो वक्तव्य को भी देखा गया। राजनयिकों को बताया गया कि 54 लोगों को हिरासत में लेकर जांच की गई।
पुलवामा से जुड़ा हालांकि कोई विवरण नहीं मिल पाया। भारत की तरफ से सूचित किए गए 22 स्थानों की भी जांच की गयी वहां आतंकवादियों का कोई शिविर अस्तित्व में नहीं है। पाकिस्तान अनुरोध पर इस स्थानों की यात्रा की अनुमति देने का इच्छुक है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जांच की प्रक्रिया को जारी रखने के लिए भारत की तरफ से अतिरिक्त जानकारी और दस्तावेजों की जरूरत होगी। सेवा प्रदाताओं से भारत की तरफ से उपलब्ध कराये गए टेलीफोन नंबरों के विवरण मुहैया कराने को कहा गया।
अमरीका सरकार से वाट्स ऐप सहायता मुहैया कराने का भी आग्रह किया गया। विदेश मंत्रालय ने अपनी इस प्रतिबद्धता को दोहराया है कि पुलवामा हमले की जांच प्रक्रिया को तर्कसंगत परिणाम तक पहुंचाया जाएगा।