इस्लामाबाद। पाकिस्तान उलेमा परिषद ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मंदिर का निर्माण करने का समर्थन किया है और कहा कि इसे विवादित मुद्दा बनाना गलत है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने पीयूसी के अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर महमूद अशरफी के हवाले से अपनी रिपोर्ट ने कहा कि हम मंदिर के निर्माण के मुद्दे पर विवाद की निंदा करते हैं। यह चरमपंथी मौलवियों द्वारा किया जा रहा है, जो सही नहीं है। पीयूसी एक बैठक बुलाए और उसमें हम परिषद के विचार को रखेंगे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संविधान में देश में रह रहे मुस्लिमों तथा गैर मुस्लिमों के अधिकारियों को श्रेणीबद्ध तरीके परिभाषित किया गया है। संविधान और शरिया दोनों में देश में रहने वाले गैर मुस्लिमों को अपने धर्म स्थल के निर्माण करने का अधिकार दिया गया है।
अशरफी ने दावा कि पीयूसी ने देश में आपसी सद्भाव कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसने हिंसा के खिलाफ और देश के गैर मुस्लिम नागरिकों के खिलाफ चरमपंथी व्यवहारों के खिलाफ आवाज उठाई है। पीयूसी ने कई मौकों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित ईश निंदा के मामलों को खारिज किया है और झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए शिकायतकर्ताओं को चेतावनी भी दी है।
उन्होंने कहा कि वैसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जो अपने निहित स्वार्थ के लिए ईश निंदा के झूठे आरोप लगाते हैं। उन्होंने जोर दिया कि गैर मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थल के निर्माण से इस्लाम को हानि अथवा खतरा नहीं हैं।