इस्लामाबाद। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने वैश्विक महामारी कोराेना वायरस (कोविड-19) की चुनौती से निपटने को लेकर इमरान खान सरकार के तौर-तरीके पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के सलाहकार डाक्टर जफर मिर्जा को विशेष सहायक के पद से हटाने का आदेश दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने देश में महामारी से निपटने के उपायों से संबंधित सरकार के प्रबंधों पर स्वतः संज्ञान लिया है और मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ इस पर सुनवाई कर रही है।
न्यायमूर्ति अहमद ने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया। पीठ ने प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के विशेष सलाहकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मजहर आलम खान, न्यायमूर्ति सज्जाद अली शाह और न्यायाधीश काजी मुहम्मद अमीन अहमद हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने इमरान खान सरकार को कोरोना इंतजामों के लिए लताड़ लगाई और कहा कि सरकार में मंत्रियों और सलाहकारों की फौज है, लेकिन कोई काम नहीं हो रहा है। भ्रष्ट लोग सरकार के सलाहकार हैं।
पीठ ने प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के सलाहकार डाॅ. मिर्जा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया और उन्हें विशेष सहायक के पद से हटाने का आदेश दिया। पाकिस्तान में कोविड-19 के 5477 मामले सामने आ चुके हैं और 94 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में पंजाब और सिंध प्रांत में कोराना का कहर सबसे ज्यादा हैं। यहां क्रमश: 2656 और 1452 संक्रमित हैं। यहां क्रमशः 23 और 31 लोगों की इस वायरस से मौत भी हो चुकी है।