इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कराची में कुछ महीने पहले नौकरी से निकाले गए एक पत्रकार ने बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और 60,000 रुपये के कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली।
जियो टीवी ने बताया कि पत्रकार फहीम मुगल शुक्रवार सुबह अपने घर की छत से फंदे से लटके पाये गये। उनके परिवार में पत्नी, पांच पुत्री और एक पुत्री है। फहीम ने दो जून को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक स्टेटस पोस्ट किया था जिसमें लिखा था कि मेरी नौकरी चली गई है इसलिए मैं बहुत चिंतित हूं। मेरे लिए दुआ कीजिये।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार जून में कराची के एक मीडिया समूह द्वारा नौकरी से निकाले जाने के बाद से फहीम अपने परिवार को चलाने के लिए रिक्शा चला रहे थे। उनकी सबसे बड़ी बेटी ने कहा कि अक्सर, हम हफ्तों तक बिना भोजन के रहते थे। वह पास के जेडीसी (एक चैरिटी संगठन) से खाना लेकर आते थे।
पाकिस्तानी दैनिक ने बताया कि फहीम के दोस्त उमैर दबीर ने खुलासा किया कि आत्महत्या से कुछ घंटे पहले फहीम के पास अपने बच्चे के लिए दूध खरीदने के पैसे नहीं थे।
फहीम के दोस्त ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों के स्कूलों में प्रवेश के लिए 60,000 रुपए का बैंक ऋण लिया था और कुछ समय पहले कहा था कि अब, मुझे नहीं लगता कि मैं ऋण वापस कर सकता हूं। बैंक के कर्मचारी मुझे धमकी दे रहे हैं।
इस घटना से पता चलता है कि मुद्रास्फीति के कारण निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को आवश्यक खाद्य पदार्थ खरीदने के लिए भी कितना संघर्ष करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान में अक्टूबर के अंत में महंगाई का 70 साल का रिकॉर्ड टूट गया, क्योंकि खाद्य वस्तुओं की कीमतें लगातार दोगुनी हो रही हैं और घी, तेल, चीनी, आटा और पोल्ट्री की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई है।
द न्यूज इंटरनेशनल ने फेडरल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के हवाले से बताया कि अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2021 के बीच बिजली की दरें 57 प्रतिशत बढ़कर 4.06 रुपए प्रति यूनिट से कम से कम 6.38 रुपए प्रति यूनिट हो गई हैं।
सबसे अधिक मूल्य वृद्धि खाद्य पदार्थों, विशेषकर घी और तेल में हुई है। घी की कीमत 108 फीसदी बढ़कर 356 रुपए प्रति किलो हो गयी है। इस बीच, चीनी की कीमत तीन साल में 83 फीसदी बढ़ी है।