नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की हिरासत में पूछताछ में कथित पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अशरफ उर्फ अली के दिल्ली उच्च न्यायालय समेत देश के कई संवेदनशील स्थानों पर हुए आतंकवादी हमलों में हाथ होने का खुलासा बुधवार को हुआ।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने अशरफ को सोमवार को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। मंगलवार को उसे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अशरफ ने 2004 से 2011 के दौरान कई आतंकवादी वारदातों में शामिल होने की बात कबूल की है। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हुए कई आतंकवादी हमलों में शामिल होने की बात कबूल की है।
अशरफ ने 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर के द्वार संख्या चार-पांच के पास हुए हमले से पहले रेकी करने की बात कही है। इस मामले में उसने हमलावार आतंकवादियों को हथियार उपलब्ध करवाए थे। इस हमले में 15 लोग मारे गए थे। उसने कश्मीरी गेट स्थित अंतरराज्जीय बस अड्डे की भी रेकी करने तथा दिल्ली पुलिस के आईटीओ स्थित मुख्यालय की इसी प्रकार की कोशिश करने की बात बताई है।
नाम बदलकर भारत में वर्षों से रह रहे अशरफ ने 2009 में जम्मू में एक बस स्टैंड पर हमले समेत राज्य में कई आतंकवादी वारदातों की रेकी करने की बात दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा से पूछताछ में कबूल की है। इस कथित आतंकवादी ने जम्मू में कई स्थानों पर हुए हमले से पूर्व रेकी करने की बात भी बताई है। उसने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के अधिकािरयों के निर्देश पर भारत में आतंकवादी हमले से पहले रेकी के साथ-साथ हथियार एवं गोलाबारूद कई आतंकवादियों को उपलब्ध कराते थे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि असरफ के बयानों की वास्तविकाता का पता लगाया जा रहा है। कई संदिग्धों की गतिविधियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को बताया था कि पाकिस्तानी नागरिक अशरफ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पहचान पत्र बनावाकर यहां 10 वर्षों से अधिक समय से रह रहा था। उसने उन दस्तावेजों के आधार पर यहां से पासपोर्ट बनाया था, जिसके आधार पर भारतीय नागरिक के तौर पर कई देशों की यात्राएं की थी। इन दस्तावेजों के आधार उसने यहां एक लड़की से शादी की थी, लेकिन फिलहाल उससे अलग रह रहा था।
पुलिस ने एक खुफिया सूचना के आधार पर सोमवार रात उसे पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर यमुना नदी के किनारे कालिंदी कुंज के पास ए के-47, पिस्तौल, भारी मात्रा में कारतूस और हथगोला बरामद किया था। ये हथियार एवं गोलाबारूद बालू में छुपाकर रखे गए थे। अशरफ मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का निवासी है। उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ‘अली अहमद नूर’ के नाम से भारत का पहचान पत्र हासिल किया था।
दिल्ली पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि आतंकवादी त्योहारों के मौके पर कोई बड़ी हमले को अंजमा दे सकते हैं। पता चला था कि आतंकवादी भीड़भाड़ वाले इलाकों के अलावा पेट्रोल पंपों एवं पेट्रोल टैंकरों को भी निशाना बना सकते हैं। इन सूचनाओं के आधार पर पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर विशेष शाखा पिछले काफी दिनों से संदिग्धों की गतिविधियों की निगरानी कर रही थी।