नई दिल्ली। भारत एवं सऊदी अरब के बीच बुधवार यहां हुई बैठक में पुलवामा हमले में पाकिस्तान की मिलीभगत के बारे में भी चर्चा हुई और सऊदी अरब सरकार पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों एवं आतंकवादी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) टीएस तिरुमूर्ति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सऊदी अरब के शहज़ादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के बीच यहां हुई बैठक के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बातचीत में न केवल आतंकवादियों बल्कि आतंकवादी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा व्यापक प्रतिबंध लगाने के बारे में चर्चा हुई है।
तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने बैठक में इस बात को पुख्ता ढंग से रखा कि केवल आतंकवादी संगठनाें पर प्रतिबंध लगाना काफी नहीं है, आतंकवादियों को भी प्रतिबंधित किया जाना जरूरी है। और सऊदी अरब के अधिकारी हमारी बात से पूरी तरह से सहमत हो गए।
यह पूछे जाने पर कि क्या सऊदी अरब के शाहज़ादे की ओर से भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में मध्यस्थता का कोई प्रस्ताव आया है, उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया।
उन्होंने बताया कि सऊदी शाहज़ादे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2014 के बाद से ही पाकिस्तान के साथ व्यक्तिगत पहल के माध्यम से मैत्री संबंध स्थापित करने के प्रयासों की सराहना की और दोनों पक्ष इस बात के लिए सहमत हुए कि समग्र वार्ता बहाल करने के लिए जरूरी माहौल बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओंं ने सभी देशों का आह्वान किया कि वे शासन की नीति के रूप में आतंकवाद के इस्तेमाल की भर्त्सना करें। उन्होंने दूसरे देश के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले देशों को हथियारों की आपूर्ति रोकी जानी चाहिए। दोनों नेताओं ने आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा व्यापक प्रतिबंध लगाने की जरूरत को भी रेखांकित किया।