आबूरोड। सिरोही जिले के आबू की गोद में बसी उमरनी ग्राम पंचायत के दानवाव मुखरीमाता ऋषिकेश मार्ग पर जोड़ फली के आंगन में फाल्गुनी होली के आलिंगन को बेताब पलाश के पेड़ों पर खिले फूल मार्ग से गुजर रहे ऋषिकेश और तलेटी मार्ग के मुसाफिरों का ध्यान बरबस खींच लेते हैं।
रंग और लू के उपचार में कारगर
पलाश के पुष्पों पर फाल्गुनी होली की मस्ती की आबोहवा यहां खिल उठी है। आबू के पहाड़ से सटी ब्रह्मा कुमारीज बाहुल्य आबादी के बीच से गुजर रही तलेटी मुखरी माता ऋषिकेश मार्ग और पास से गुजर रही स्वरूपगंज की बनास नहर के पानी का बहाव भी मुसाफिरों के सफर को अनुकूलित कर देता है। पलाश के फूल आकर्षण के अलावा आयुर्वेद की परिभाषा में तन को झकझोर देने वाली लू के उपचार में कारगर माने जाते हैं।
शाम के समय जब यहां से गुजरते हैं तब नहर के समानांतर सड़क मार्ग पर साइकिलिंग और पैदल मुसाफिरों का भ्रमण प्राय देखा जाता है। पास में फसलों से भरपूर खेत खलिहानों में धरती पुत्रों के कठिन पारिश्रमिक की तस्वीरें साफ भी झलक पड़ती है।