झारखंड गुमला : गुमला प्रखंड के डुमरडीह पंचायत स्थित जिलिंगा टांगरटोली गांव में सेना के जवान की एक विधवा जेरोमिना बाड़ा अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है। उसने पंचायत सेवक संजय साहू के पास कई बार आवेदन दिया।
लेकिन, अब तक उस दुखी औरत का काम नहीं हुआ। परेशान जेरोमिना बाड़ा ने अपनी गुहार लेकर डीसी शशि रंजन के पास पहुंची। उसने बताया कि चार माह पहले उसके पति की मृत्यु हो गयी।
झारखंड गुमला की औरत का पेंशन का पूरा मामला
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए उसने आवेदन दिया, लेकिन पंचायत सेवक का कहना है कि गांव में एक ही नाम के दो व्यक्ति हैं। इसलिए मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं कर सकते। इस मामले को डीसी ने गंभीरता से लिया है। विधवा के आवेदन को उपायुक्त ने पंचायत सेवक को अग्रसारित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
पंचायत किस तरह है गलत
बताया जाता है कि इसके बावजूद पंचायत सेवक ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। इस संबंध में प्रभारी जन-शिकायत पदाधिकारी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव ने बताया कि जन-शिकायत केंद्र के द्वारा कई बार संपर्क किया गया, लेकिन पंचायत सेवक ने जन-शिकायत का पत्र लेने से भी मना कर दिया।
महिला की कैसी कोशिश जारी
इस बारे में पंचायत को निर्देशित करने के लिए पंचायती राज पदाधिकारी से भी पत्रा-चार किया गया है। पीड़ित महिला ने जन-शिकायत केंद्र में मामले को जनसंवाद में फिर से भरने की करने की गुहार लगायी है, ताकि उसका काम हो जाये।
हमारा निवेदन
“क्या गरीब का गरीब होना अपराध है । या अपनी गरीबी के चलते अपनी सच्चाई को भी साबित ना कर पाना यह उसकी कमजोरी है। बड़ी कुर्सी धार लोग अपनी जेबे भरने में लगे हैं। उधर चुनावी क्षेत्रों में नेता अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं कोई घुस खाता है। तो कोई अपने काम से जी चुराता है लेकिन इन सभी चीजों का नुकसान एक गरीब उठाता है। यदि आपको इस महिला के दुख तकलीफ नजर आती है। समझ आती है तो इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि इतनी फैल जाए कि सर्वोच्च अधिकारियों को दबाव में आकर इस महीना के लिए कुछ अच्छा करना पड़े। “
अब देखना यह है की इस महिला के लिए किस प्रकार से पंचायत समति कार्य करती है।