नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित जसराज का सोमवार को हृदय गति रुक जाने से अमेरिका के न्यूजर्सी में निधन हो गया। मेवाती घराने के पंडित जसराज 90 वर्ष के थे।
पंडित जसराज के परिजनों की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक उन्होंने स्थानीय समयानुसार सुबह 5.15 बजे अंतिम सांस ली। वर्ष 2000 में पद्म विभूषण, 1990 में पद्म भूषण और 1975 में पद्यश्री से सम्मानित पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार जिले (अब फतेहाबाद) में हुआ था। पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नए शिखर पर पहुंचाया।
पंडित जसराज संगीत जगत में अपने जीवन के 80 साल से अधिक समय तक सक्रिय रहे। देश के अलावा उन्होंने अमरीका और कनाडा में भी शास्त्रीय संगीत का परचम लहराया।
पंडित जसराज को संगीत विरासत में मिली। उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जिसकी चार पीढ़ियां संगीत से जुड़ी हुई थीं। चार साल की उम्र में ही पंडित जसराज के पिता निधन हो गया था। उनका पालन-पोषण बड़े भाई पंडित मणिराम की देख-रेख में हुआ। उनके भजनों में ओम नमो भगवते वासुदेवाय, गायत्री मंत्र, मेवाती घराना, शिव उपासना आदि बहुत लोकप्रिय हुए।
पंडित जसराज का निधन सांस्कृतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से भारतीय सांस्कृतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है और उसमें एक खालीपन आ गया है।
मोदी ने टि्वटर पर अपने शोक संदेश में कहा कि पंडित जसराज जी के निधन से भारतीय सांस्कृतिक जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है। वह न केवल एक शानदार और उत्कृष्ट गायक थे बल्कि उन्होंने कई गायकों के असाधारण गुरु के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके परिवार और विश्वभर में उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति।