सिडनी/वेलिंगटन। प्रशांत महासागर में स्थित देश पापुआ न्यू गिनी पिछले सप्ताह आए सदी के सबसे बड़े भूकंप से उबरा भी नहीं था कि इसके सुदूर और बीहड़ पहाड़ी इलाकों में रविवार को फिर से भूकंप के जाेरदार झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता छह मापी गई है।
गौरतलब है कि गत सप्ताह आए भूकंप में 31 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 13 की मौत भूकंप के केंद्र के पास स्थित घरों में आग लगने के कारण झुलसकर हो गई थी।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बताया कि राजधानी पार्ट मोरेसबी से 600 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित दक्षिणी पहाड़ी इलाकों में कल सुबह पांच से अधिक तीव्रता वाले भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए। इसी में छह तीव्रता वाले भूकंप के झटके भी शामिल हैं। पापुआ न्यू गिनी राष्ट्रीय आपदा केंद्र से संपर्क नहीं हो सका है।
पापुआ न्यू गिनी में गत 26 फरवरी को 7.5 की तीव्रता वाले तेज भूकंप के झटके से प्रभावित इलाके में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के कारण हुए भूस्खलन तथा कई इमारतों के ढहने के अलावा तेल और गैस का परिचालन भी बाधित हो गया था।
भूकंप से बाधित गैस उत्पादन शुरु होने में लगेंगे 8 हफ्ते
पापुआ न्यू गिनी में गत सप्ताह आए भूकंप के जबरदस्त झटकों से प्रभावित गैसों का उत्पादन फिर से बहाल होने में आठ सप्ताह का समय और लग जाएगा।
भूकंप के केंद्र के नजदीक स्थित एक्सोनमोबिल कोर्पोरेशन की गैस प्लांट (तरल प्राकृतिक गैस परियोजना) को बंद कर दिया गया था। कंपनी ने कहा कि इसे अपनी इकाई में फिर से गैस का उत्पादन करने में आठ हफ़्ता का समय लग जाएगा।
गत 26 फरवरी को 7.5 तीव्रता वाले भूकंप ने भूस्खलन और कई इमारतों को अपनी आगोश में ले लिया। इसके कारण कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई और क्षेत्रीय एलएनजी बाजार भी प्रभावित रहा। इसके बाद दक्षिण प्रशांत राष्ट्र ने आपातकाल घोषित कर दिया।
एक्सोनमाेबिल ने एक बयान में कहा कि 300 गैर-जरूरी कर्मियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और हाइलैंड्स में स्थित गैस कंडीशनिंग संयंत्र में शिविर और संबद्ध सुविधाओं को पुनर्स्थापित करने पर काम जारी था।
बयान में बताया गया कि जब गैस कंडीशनिंग संयंत्र सुरक्षित रूप से बंद हो गया था तो उपकरणों और नींव के विभिन्न हिस्सों को नुकसान पहुंचा था जिसे निरीक्षण और मरम्मत की आवश्यकता होगी।