अजमेर। राजस्थान में अजमेर में आज सीबीएसई बारहवीं के परीक्षा परिणामों से असंतुष्ट अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदर्शन किया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा हाल ही में बिना परीक्षा लिए कोरोना फॉर्मूले के तहत बारहवीं के परिणाम घोषित किए। इस फॉर्मूले में विद्यालयों को ही अपने अपने विद्यार्थियों के अंक भेजने थे। उन्हीं अंकों के आधार पर बोर्ड ने परिणाम जारी किया, लेकिन अजमेर में अभिभावक इससे संतुष्ट नहीं है।
अजमेर के कोटड़ा क्षेत्र के एक स्कूल सम्राट पब्लिक स्कूल पर अभिभावकों ने जमकर प्रदर्शन किया क्योंकि हमेशा 90 या 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले विद्यार्थियों को वर्तमान घोषित परिणाम में 60 से 65 प्रतिशत अंक ही दिए गए हैं, जिसके चलते उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय होना बताया जा रहा है क्योंकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पात्र नहीं हो पा रहे है।
अभिभावकों ने बताया कि तीन दिन से स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन न तो यह बता रहा है कि उन्होंने कितने अंक संबंधित बच्चे के भेजे और न ही किसी तरह का सहयोग कर रहा है। पचास से ज्यादा महिला पुरुष, बच्चों ने सम्राट स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और स्कूल प्रबंधन पर अंक भेजने में धांधली का आरोप लगाया।
एक अभिभावक पारुल ने बताया कि विद्यालय से कोई सहयोग नहीं मिल रहा बल्कि यह कहा जा रहा है कि परिणाम बोर्ड ने घोषित किए हैं वहीं जाकर बात करें। साढ़े तीन घंटे से ज्यादा की मशक्कत के बाद सभी अभिभावक अजमेर में टोडरमल मार्ग स्थित बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन के साथ अपनी समस्या रखी लेकिन निदान नहीं हुआ।
अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई के परिणामों में शीर्ष छात्रों के साथ इस बार अन्याय हुआ है। स्कूलों ने अंक भेजने में अपनी मनमर्जी और धांधली मचाई है जिसके चलते वे अब न्यायालय की शरण में जाएंगे।