चेन्नई। तमिलनाडु के कन्याकुमारी में रोमन कैथोलिक पादरी जॉज पोन्निया को एक विशेष पुलिस टीम ने हिंदुओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर गिरफ्तार कर लिया है।
सोशल मीडिया पर पादरी की आपत्तिजनक टिप्पणी वायरल होने के बाद पुलिस ने धार्मिक समूहों के बीच नफरत और वैमनस्य फैलाने के लिए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। पादरी जॉज पोन्निया ने हालांकि ऐसी कोई टिप्पणी करने से इनकार किया और अगर उनकी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची हो तो उन्होंने माफी भी मांगी और उसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप गए।
पुलिस ने पादरी को पकड़ने के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया और उसे मदुरई के कल्लिकुडीक से गिरफ्तार कर लिया। पादरी को विस्तृत पूछताछ के लिए नागरकोइल ले जाया जा रहा है जिसके बाद उसे अदालत के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।
पादरी ने ‘भारत माता’ और हिंदू धर्म के बारे में भी विवादास्पद और अपमानजनक टिप्पणी की थी जिसकी निंदा कुज़िथुरई के रोमन कैथोलिक डायोसिस की ओर से भी की गई थी।
गिरजाघरों को बंद करने के विरोध में अरुमानई में एक सभा को संबोधित करते हुए पादरी पोन्निया ने घरों में प्रार्थना अदा करने पर रोक और निजी ‘पट्टा’ भूमि पर चर्चों के निर्माण या जीर्णोद्धार की अनुमति से इनकार को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
पादरी पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उसने नागरकोइल भारतीय जनता पार्टी के विधायक एमआर गांधी को 1982 में मंडिकाडु सांप्रदायिक दंगे के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि हाल के विधानसभा चुनावों में द्रमुक की जीत ‘ईसाइयों और मुसलमानों द्वारा दी गई दान’ का परिणाम है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पीटर अल्फोंस ने उनके इस दावे की कड़ी आलोचना की है।
इस बीच भाजपा की प्रदेश इकाई ने पादरी पोन्निया को धार्मिक समूहों के बीच घृणा बढ़ाने को लेकर गुंडा एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार करने की मांग को लेकर वेल्लोर और अन्य जिलों में धरना प्रदर्शन किया।