
नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया के कई देशों में फैले कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ और उसके रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों के मद्देनजर संसद का बजट सत्र समय से पहले समाप्त हो सकता है।
सूत्रों केे अनुसार कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार बजट सत्र को छोटा कर समय से पहले समाप्त करने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि वित्त विधेयक तथा अन्य अत्यावश्यक विधेयक पारित करने के बाद अगले सप्ताह संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जा सकती है।
बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। सत्र के 11 फरवरी तक चले पहले चरण में वित्त वर्ष 2020-21 का बजट संसद में पेश किया गया। इसका दूसरा चरण दो मार्च से शुरू हुआ है और इसे तीन अप्रैल तक चलना तय किया गया है।
कोराेना वायरस देश मेें भी अपने पैर पसार रहा है और अब तक 29 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। दुनिया के अन्य देशों में यह देखा गया है कि यह वायरस एक बार देश में प्रवेश कर जाने के बाद तेजी से फैल सकता है। इसकी गंभीरता को देखते हुए इस सप्ताह हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मौजूदा हालात की जानकारी ली।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने संसद के दोनों सदनों आज कोविड-19 पर बयान दिया और सदस्यों ने इस पर चिंता जताते हुए कई सुझाव दिए। यह सुझाव भी आया कि संसद भवन परिसर में भी इसकी जांच की व्यवस्था हो क्योंकि राेजाना बहुत से लोग संसद भवन आते हैं।
उल्लेखनीय है कि जब संसद का सत्र चल रहा होता है उस समय मंत्रियों, सांसदों, उनके साथ जुड़े कर्मचारी, लोकसभा तथा राज्य सभा सचिवालयों के विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी, भारी संख्या में सुरक्षा बल, मीडियाकर्मी और दर्शक संसद परिसर में मौजूद होते हैं। ऐसे में वायरस के संक्रमण को रोकना सरकार के लिए चुनौती हो सकती है।
डॉ हर्षवर्द्धन ने संसद को बताया कि सीमावर्ती राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और सिक्किम के सीमावर्ती ग्राम पंचायतों में इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाई जा रही है तथा पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर एहतियात बरतने के कदम उठाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिसमूह का गठन किया है जिसमें विदेश मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, गृह राज्य मंत्री, जहाजरानी राज्य मंत्री, स्वास्थ्य राज्य मंत्री शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले हर यात्री की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है।
सरकार ने देश में प्रवेश के सभी बिन्दुओं पर निगरानी बढ़ा दी है और निजी सुरक्षा उपकरणों और एन95 मास्कों के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है जो 24 घंटे काम कर रहा है।