नई दिल्ली। निजी डाटा की सुरक्षा पुख्ता करने के उपायों और इसके दुरुपयोग पर तीन वर्ष के कारावास तथा एक करोड़ रुपए के जुर्माने की व्यवस्था वाले ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक 2019’ पर सोमवार को संंसद की मुहर लग गई।
राज्यसभा ने भोजनावकाश के बाद लगभग तीन घंटे की चर्चा के बाद इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
इससे पहले सदन ने दो मार्च को जारी ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) अध्यादेश 2019’ को अनुमोदित नहीं करने के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस विधेयक के जरिए आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम 2016, भारतीय तार अधिनियम 1886 और धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 में बदलाव होगा।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को आश्वस्त किया कि आधार के डाटा का उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है। आधार को सुरक्षित बनाने को लेकर विधेयक में सुरक्षा के विशेष और सभी जरूरी उपाय किए गए हैं।
प्रसाद ने कहा कि आधार के इस्तेमाल को अत्यंत सुरक्षित बनाया गया है। इसके डाटा को सार्वजनिक करने पर तीन वर्ष के कारावास का प्रावधान है और दुरुपयोग करने की स्थिति में जेल और एक करोड रुपए की सजा का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने सदस्यों को अपना आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि इसमें सिर्फ नाम है, घर का पता है, फोटो है। इमसें व्यक्ति की जाति या धर्म का उल्लेख तक नहीं है। इसके अलावा कोई जानकारी नहीं है। कोई व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में आधार में संकलित जानकारियों का खुलासा नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आधार का खुलासा करने के लिए शर्ते रखी गई हैं और व्यक्ति स्वैच्छिक आधार पर जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इसके डाटा देख सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह बताना होगा कि किस काम के लिए इस डाटा का खुलासा किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने दुनियाभर के सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों का उल्लेख करते हुए बताया कि भारतीय आधार व्यवस्था की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि सूचना तकनीकी मंत्री के तौर पर वह विदेश जाते हैं तो कई देशों के लोग आधार से जुड़ी जानकारियों के बारे में उनसे पूछते हैं और अपने देश में इसे लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका में भी प्रतिष्ठित लोग भारत की आधार व्यवस्था की प्रशंसा कर पूरी दुनिया को इसके उपयोग की सलाह दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरा देश आधार की प्रशंसा कर रहा है और हर दिन ढाई करोड आधार की सत्यता प्रमाणित की जा रही है। उन्होंने कहा कि आधार की सेवा देने से कहीं कोई इंकार नहीं कर सकता और यदि इसकी सेवा को लेकर किसी तरह का व्यवधान पैदा किया जाता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान है।
आधार के आंकड़े पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका कहीं कोई दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। इसमें आंख की पुतलियों का व्यौरा है जिसकाे किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकता है। आंख और अंगुलियों के निशान का ब्याैरे का खुलासा केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किया जा सकता है। यह उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हाेगा। इसके अलावा पूरे मामले को तीन सचिवों की एक समिति देखेगी।