नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मामले में जमानत मिलने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम आज पहली बार राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल हुए।
सुबह कार्यवाही शुरू होने से पहले जैसे ही वह सदन में अंदर आए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य सदस्यों ने उनका स्वागत किया। बाद में वह अपनी जगह पर बैठ गए।
विधायी दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद शुरू हुए शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों ने उन्नाव बलात्कार मामले पर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
चिदम्बरम आईएनएक्स मीडिया मामले में पिछले 105 दिनों से जेल में बंद थे और उन्हें उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को ही उन्हें जमानत दी थी। कांग्रेस नेता को पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो और बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।
चिदम्बरम ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि उनका मामना है कि देश में उच्च शिक्षा निशुल्क होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों के छात्रावास तथा उनको मिलने वाली अन्य सुविधाओं पर शुल्क बढ़ाना गलत है और इसका वह विरोध करते हैं। सरकार को अपने इस फैसले काे छात्रों के हित में वापस लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में कानून व्यवस्था की हालत चिंताजनक है। वहां पूरी तरह से कानून का राज खत्म हो गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने की सरकार की तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार मनमाना कदम उठा रही है और उन्हें भरोसा है कि कांग्रेस तथा समान विचारधारा के अन्य दल संसद में इस विधेयक का विरोध करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जेल में वह 106 दिन रहे हैं लेकिन उनके आत्मबल ने उन्हें इस दौरान मजबूती प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस आत्मबल की वजह से ही उनके साथ परिवार के सदस्य, पार्टी के लोग, पत्रकार, कारोबारी मित्र तथा उनके साथ काम करने वाले असंख्य लोग हैं जिन्होंने हमेशा उनकी सकारात्मक काम का समर्थन किया और साथ दिया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जमानत पर रिहा किया है और वह न्यायालय के आदेश का अनुपालन करेंगे।