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Parliamentary Board meet : Shun VIP culture, stand in queues wherever required says Narendra Modi-छपास एवं दिखास के नशे से बचें सांसद : मोदी - Sabguru News
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छपास एवं दिखास के नशे से बचें सांसद : मोदी

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छपास एवं दिखास के नशे से बचें सांसद : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये एवं पुराने सांसदों को आज आगाह किया कि वे बड़बोलेपन और मीडिया के माेह से बचें अन्यथा खुद उनके साथ सरकार को भी संकट पेश आ सकता है।

मोदी ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नवनिर्वाचित सांसदों और घटक दलों के नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कई साथी ‘छपास’ एवं ‘दिखास’ के रोग में फंस जाते हैं। पहले आकर्षण लगने वाली यह चीज़ यह एक प्रकार का नशा है और हम इसके शिकार हो जाते हैं। इससे बच कर चलना है।

उन्होंने कहा कि कभी कभी छोटी मोटी बातें बहुत बड़े कामों में व्यवधान डालतीं हैं। हमारा मोह हमें संकट में डालता है। इसलिए हमारे नए और पुराना साथी इन चीजों से बचें क्योंकि अब देश माफ नहीं करेगा। हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां है। हमें इन्हें निभाना है। वाणी से, बर्ताव से, आचार से, विचार से हमें अपने आपको बदलना होगा।

प्रधानमंत्री ने अपने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों के नामों को लेकर मीडिया की रिपोर्टों एवं अटकलों से खुद को बचाकर रखने की भी सलाह दी और कहा कि उन्हें इसके अलावा भी तमाम बाहरी दलाल भी मंत्री बनाने का झांसा देने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन वे किसी के बहकावे में नहीं आए। मंत्रिमंडल जिसको बनाना है, वही बनाएगा और अखबार के पन्नों से मंत्रिमंडल नहीं बना करते हैं। प्रधानमंत्री ने नए सांसदों को अपने स्टाफ के चयन में सतर्कता बरतने और दलालों के चंगुल से बचने की भी सलाह दी।

उन्होंने सांसदों से ज़मीनी और विनम्र व्यवहार की अपेक्षा करते हुए सत्ता-भाव न देश का मतदाता स्वीकार करता है, न पचा पाता है। हम चाहे भाजपा या राजग के प्रतिनिधि बनकर आए हों, जनता ने हमें स्वीकार किया है सेवाभाव के कारण।

हमारे अंदर सेवा भाव बढ़ता जाएगा तो उसी के साथ सत्ता भाव कम होता जाएगा और हम देखेंगे कि सेवा भाव बढ़ने के साथ ही हमारे प्रति जनता जनार्दन का आशीर्वाद बढ़ता जाएगा। हमारे लिए और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए सेवा भाव से बड़ा कोई मार्ग नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि युग बदल चुका है। वीआईपी संस्कृति से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते। हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए। लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुआ, पर जनता के बीच अच्छा संदेश गया है।