नई दिल्ली। संसद में रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी और पैंगांग झील सहित टकराव वाले सभी चार पांच बिन्दुओं का दौरा करने का प्रस्ताव किया है।
रक्षा संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष जुएल ओरांव ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रक्षा संबंधी स्थायी समिति की नौ फरवरी को हुई बैठक में कुछ सदस्यों ने प्रस्ताव किया कि समिति को लद्दाख में एलएसी का दौरा करना चाहिए। इस पर सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की।
ओरांव ने बताया कि इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव भेजा गया है और रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति के बाद 15 मई के बाद समिति वहां जाएगी। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्य गलवान घाटी, देप्सांग, पैंगांग झील लुब्रा घाटी आदि चार पांच बिन्दुओं का दौरा करेगी जहां हमारी सेना और चीन की सेना आमने सामने है।
उन्होंने बताया कि समिति अपने दौरे में एलएसी पर सेना की तैयारियों, आधारभूत ढांचे की स्थिति तथा सीमा की सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दों की बारीकी से समीक्षा करेगी और एक रिपोर्ट तैयार करेगी।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि नौ फरवरी की जिस बैठक में इस आशय का फैसला हुआ था, उसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे। इस दौरे में गांधी के जाने की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर ओरांव ने कहा कि 21 सदस्यीय समिति में जो भी सदस्य जाना चाहेंगे, वे सभी जा सकेंगे।
संसदीय समिति के दौरे के पीछे की परिस्थितियों के बारे में पूछे जाने पर ओरांव ने कहा कि संसदीय समिति अगर चाहे तो दौरा कर सकती है। पहले ही नाथू ला पर चीन सीमा, बांग्लादेश की सीमा और दक्षिण का दौरा कर चुकी है। इसलिए इसमें कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है।