राजकोट । 18 साल के भारतीय बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ गुरूवार से शुरू हुये पहले क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन अपने पदार्पण मैच में 134 रन की शतकीय पारी खेलकर इतिहास रच दिया और इसके साथ ही वह पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय क्रिकेटर बन गये।
पृथ्वी की मौजूदा आयु 18 वर्ष 329 दिन है और उन्होंने 99 गेंदों में अपने 100 रन पूरे किये। इस तरह वह टेस्ट पदार्पण में सबसे तेज़ शतक बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज़ भी बन गये। शिखर धवन ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में 2012-13 में मात्र 85 गेंदों में शतक पूरा कर पदार्पण मैच में सबसे तेज़ शतक का रिकार्ड बनाया था। वेस्टइंडीज़ के ड्वेन स्मिथ ने अपने पदार्पण मैच में 93 गेंदों में शतक बनाया था।
मुंबई के युवा बल्लेबाज़ ने यहां सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में ओपनिंग करते हुये 56 गेंदों में अपने 50 रन और 99 गेंदों में 100 रन पूरे किये। घरेलू क्रिकेट में लाजवाब प्रदर्शन की बदौलत जबरदस्त लय में खेल रहे पृथ्वी ने 154 गेंदों में 19 चौके लगाये और 134 रन बनाकर पहले टेस्ट को यादगार बना दिया।
पृथ्वी पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने वाले चौथे सबसे युवा बल्लेबाज़ बन गये हैं। पृथ्वी से पहले मोहम्मद अशरफुल और हैमिल्टन मस्काद्जा ने 18 साल की आयु से पहले ही पदार्पण मैच में शतक बनाया था जबकि सलीम मलिक पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने के मामले में पृथ्वी से मात्र 6 दिन छोटे थे।
वह ओवरऑल पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने वाले 15वें भारतीय बल्लेबाज़ बन गये हैं। इससे पहले यह उपलब्धि लाला अमरनाथ, दीपक शोधन, कृपाल सिंह, अब्बास अली बेग, हनुमंत सिंह, गुंडप्पा विश्वनाथ, सुरेंद्र अमरनाथ, मोहम्मद अज़हरूद्दीन, प्रवीण आमरे, सौरभ गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, सुरेश रैना, शिखर धवन और रोहित शर्मा को हासिल थी। रोहित ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पदार्पण मैच में शतक बनाया था। उसके पांच वर्ष बाद जाकर पृथ्वी ने यह उपलब्धि हासिल की है।
पृथ्वी टेस्ट शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय युवा बल्लेबाज़ हैं। सचिन तेंदुलकर ने 17 साल 107 दिन की आयु में शतक बनाया था। सचिन ने पृथ्वी से कम उम्र में तीन टेस्ट शतक बना डाले थे। ओवरऑल टेस्ट में शतक बनाने वाले पृथ्वी सातवें सबसे युवा खिलाड़ी हैं।
पृथ्वी के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण शतक बनाने की दुर्लभ उपलब्धि दर्ज है। उनसे पहले गुंडप्पा विश्वनाथ और आस्ट्रेलिया के डर्क वेलहैम के नाम यह उपलब्धि दर्ज थी। सहवाग ने भी टेस्ट पदार्पण में और अपनी पहली प्रथम श्रेणी पारी में शतक बनाया था लेकिन उनका प्रथम श्रेणी शतक उनके दूसरे प्रथम श्रेणी मैच में आया था।
पिछले 10 वर्षाें में यह पहला मौका भी है जब भारतीय टीम के लिये इतनी कम उम्र में किसी खिलाड़ी ने टेस्ट पदार्पण किया है। आखिरी बार वर्ष 2007 में तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा ने 18 साल 265 दिन की आयु में बंगलादेश के खिलाफ पदार्पण किया था। वह भारत के लिये टेस्ट पदार्पण करने वाले ओवरऑल 13वें सबसे युवा खिलाड़ी भी हैं।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सुबह टॉस जीतकर मैच में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और मैच से पूर्व पृथ्वी को टेस्ट कैप सौंपी। इसी के साथ पृथ्वी भारत के लिये टेस्ट पदार्पण करने वाले 293वें खिलाड़ी भी बन गये।
पृथ्वी ने अपने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से पहले इस साल भारत ए की ओर से खेलते हुये दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ अगस्त में 136 रन, जुलाई में वेस्टइंडीज़ ए के खिलाफ 188 रन और जून में वेस्टइंडीज़ ए के खिलाफ 102 रन बनाये। पृथ्वी उस समय सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने 14 साल की उम्र में 330 गेंदों में 85 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 546 रन बनाये थे।