नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के कड़े तेवरों को देखते हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में पार्टी के अधिकतर सदस्यों के मौजूद रहने की रणनीति तय की है।
पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि भाजपा संसदीय दल की कार्यकारिणी की यहां हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सत्र के दौरान सभी सदस्य सदन में मौजूद रहें। अधिकतर विपक्षी दल सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर एकजुट रहने का संकेत दे चुके हैं।
इसी के मद्देनजर भाजपा ने यह रणनीति बनाई है कि किसी भी मुद्दे पर विपक्ष को कड़ा जवाब दिया जाए और इसके लिए पार्टी के अधिकतर सदस्यों की मौजूदगी जरुरी है।
कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित थे लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने कोई भाषण नहीं दिया। पार्टी के अन्य नेताओं में इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर पार्टी की ओर से पूरे तथ्यों के साथ जवाब दिया जाएगा।
विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का संकेत दिया है। इसके अलावा वे बेरोजगारी, किसानों की समस्या, नौकरियों में आरक्षण, पीट पीट कर हत्या की घटनाओं तथा कुछ अन्य ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरने की बात कह चुके हैं। मानसून सत्र कल से शुरु होगा और 10 अगस्त तक चलेगा।