SABGURU NEWS | नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में परोक्ष इच्छा-मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) तथा जीवन संबंधी वसीयत (लिविंग बिल) को कानूनन वैध करार दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की
याचिका का निपटारा करते हुए सम्मान के साथ मृत्यु के अधिकार को भी मौलिक अधिकार करार दिया।
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न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति अशोक भूषण संविधान पीठ के अन्य सदस्य हैं।
संविधान पीठ ने इस मामले में कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं।
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