अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद की एक अदालत ने आज पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व संयोजक और अब कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की लगभग साढ़े चार साल पहले यहां जीएमडीसी मैदान पर हुई रैली के सिलसिले में दर्ज एक मामले में उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया।
इस रैली के बाद भी अनुमति नहीं होने के बावजूद मैदान पर बने रहने और इस दौरान सरकारी अधिकारियों का काम बाधित करने, उन पर हमला करने, गैरकानूनी तौर पर भीड़ जुटाने और रायटिंग जैसे आरोपों को लेकर भारतीय दंड संहिता की गैर जमानती धारा 332 के अलावा 143, 147 और 427 के तहत यहां वस्त्रापुर थाने में दर्ज इस मामले में हार्दिक ने संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए यह अर्जी दी थी।
नगर एवं सत्र न्यायालय के एडीजे पी एम उनाडकट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने दलील दी थी कि हार्दिक के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और इस मामले की भी जांच जारी है ऐसे में उन्हे अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि 25 अगस्त 2015 को हुई इस रैली के बाद ही कुछ समय के लिए हार्दिक और उनके सहयोगियों को हिरासत में लेने के पश्चात राज्यव्यापी हिंसा हुई थी और उस संबंध में यहां पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ अलग से राजद्रोह का एक मामला दर्ज किया था। उस मामले में सुनवाई के दौरान बार बार अनुपस्थित रहने के कारण हाल मेें एक अन्य अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।