लखनऊ। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पत्रकारों तथा उनके परिवार को अत्यंत विकट परिस्थितियों में समयबद्ध तथा पारदर्शी रूप से आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार कल्याण स्कीम’ लागू की गई है।
इस स्कीम के तहत किसी पत्रकार की मृत्यु होने पर उसके परिवार को तथा दुर्घटना में पत्रकार के स्थाई अक्षमता पर 5 लाख रूपए तक की तत्काल एकमुश्त सहायता राशि उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
राज्य के सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ नवनीत सहगल ने इस संशोधित स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पत्रकार कल्याण स्कीम के तहत पत्रकारों को कैंसर, गुर्दे की खराबी, हृदय की ऐसी बीमारी जिसमें बाईपास या ओपेन हाॅर्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, मस्तिष्क रक्तस्राव तथा पक्षाघात आदि जैसी बड़ी बीमारियों के उपचार के लिए तीन लाख रूपए तक की सहायता प्रदान किये जाने का भी प्राविधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से ऊपर के गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को यह वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं होगी। पत्रकार कल्याण स्कीम में समाचार पत्र कर्मचारी तथा विविध प्राविधान अधिनियम, 1955 के तहत ऐसे पत्रकार अथवा मीडिया कार्मिक, जिनका मुख्य व्यवसाय रेडियो अथवा टीवी समाचार चैनलों के लिए रिपोर्टिंग/सम्पादन करना है, को शामिल किया गया है।
इसके अतिरिक्त पूर्णकालिक अथवा अंशकालिक पत्रकार के रूप में नियोजित अथवा ऐसे पत्रकार, जो एक या एक से अधिक मीडिया संस्थानों से जुड़ा है तथा समाचार सम्पादक, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो पत्रकार, स्वतंत्र पत्रकार भी शामिल हैं।
डाॅ सहगल ने बताया कि इस स्कीम के सुचारू रूप से संचालन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समिति के अध्यक्ष जबकि प्रधान महानिदेशक, पीआईबी तथा संयुक्त सचिव, नीति एवं प्रशासन सदस्य होंगे। समिति द्वारा प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बैठक अवश्य आयोजित की जाएगी, ताकि उक्त अवधि के दौरान प्राप्त मामलों पर निर्णय लिया जा सके। प्रकरण की तात्कालिकता को देखते हुए समिति के अध्यक्ष कभी भी आवश्यकतानुसार बैठक बुला सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव, सूचना ने बताया कि स्कीम का लाभ ऐसे पत्रकारों को दिया जाएगा, जो भारत के नागरिक हों तथा सामान्य रूप से भारत में निवास करता हो। पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार अथवा राज्य/केन्द्रशासित राज्य सरकारों द्वारा पत्रकार की मान्यता होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त ऐसे पत्रकार, जिन्हें भारत सरकार अथवा किसी राज्य/केन्द्रशासित राज्य सरकार से वर्तमान में मान्यता प्राप्त न हों, वह भी इस स्कीम में लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र है, यदि वह इन दिशा-निर्देशों के न्यूनतम 5 वर्ष तक लगातार पत्रकार रहा हो। उन्होंने बताया कि इस स्कीम से आच्छादित हो रहे पत्रकारों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए प्रधान महानिदेशक, पीआईबी के समक्ष निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा।