1. देशभक्ति रचना
आतंकी हमले की निंदा करके ये रह जाएंगे।
और शहीदों की अर्थी पर पुष्प चढ़ाकर आएंगे।।
इससे ज्यादा कुछ नहीं करते ये भारत के नेता हैं।
आज देश का बच्चा-बच्चा इन को गाली देता है।।
सीमा पार से आतंकी कैसे हमले कर जाते हैं?
दिनदहाड़े देश के 40 जवान मर जाते हैं।।
सत्ता के सत्ताधारी अब थोड़ी सी तो शर्म करो।
एक-एक आतंकी को चुनकर के फांसी पे टांक धरो।।
घटना सुनकर के हमले की दिल मेरा थर्राया है।
सोया शेर भी आज गुफा से देखो कैसे गुर्राया है?
सैनिक की रक्षा हेतु अब कदम बढ़ाना ही होगा।
संविधान परिवर्तित कर कानून बनाना ही होगा।।
कितनी बहिनें विधवा हो गई और कितनों का प्यार गया।
उस माँ पर क्या बीती होगी जिसका फूलों सा हार गया।।
जितने हुए शहीद देशहित,उनको मैं वंदन करता हूं।
उनके ही चरणों में मैं अपने शीश को धरता हूँ।।
2.) सभी वीर जवानों के चरणों में समर्पित मेरा देशभक्ति गीत…धीरे गति में
करते है रक्षा अपनी और अपने लिए ही मरते हैं।
अपनों के सुख-दुख के खातिर वो सीमा पर लड़ते हैं।।
जान भले चले जाये लेकिन, आन-बान और शान रहे।
मतलब नहीं दुनियादारी से ,जिंदा हिंदुस्तान रहे।।
माँ-बेटी और पत्नी-बहन को छोड़ के ये चले आते है।
देश की रक्षा के खातिर वो दुश्मन से टकराते है।।
गर्व हमें अपनों से ज्यादा वीर जवानों पर होता है।
अपने खून-पसीने से वो भारत मां को धोता है।
याद में उनकी हम सब केवल, अब मेले लगवाते है।
एक दिन उनकी मना जयंती चरणों में शीश झुकाते है।।
इतना कर्ज है हम पर उनका,कैसे इसे चुकाएँगे।
वीर शहीदों की कुर्बानी को सम्मान दिलाएंगे।।
हर चौराहे, गली-मौहल्लों में मूर्ति लगवाएंगे।
वीर शहीदों के नामों से नए भवन बनाएंगे
जो भी हुए शहीद देशहित उनको वन्दन है मेरा।
आज दिवस प्यारा ये आया सबको नमन है मेरा।।
कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज” मारुति कॉलोनी,दौसा,राजस्थान