नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवम् हत्या मामले के दोषी विनय शर्मा और मुकेश कुमार की संशोधन (क्यूरेटिव) याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दी। दो अन्य दोषियों- पवन गुप्ता और अक्षय कुमार ने अभी तक क्यूरेटिव याचिकाएं नहीं दायर की है।
न्यायमूर्ति एन वी रमन के चैम्बर में इन दोनों की याचिकाओं की सुनवाई होनी थी, जहां चंद मिनटों के भीतर ही याचिकाएं खारिज कर दी गईं। न्यायमूर्ति रमन की अध्यक्षता वाली इस पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा, क्यूरेटिव याचिकाओं की सुनवाई खुली अदालत में किये जाने की अर्जी खारिज की जाती है। न्यायालय ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से गत सात जनवरी को जारी ब्लैक वारंट (डेथ वारंट) पर रोक संबंधी अनुरोध यह कहते हुए ठुकरा दिया कि याचिका में कोई मजबूत आधार नजर नहीं आता।
पीठ ने कहा, हमने क्यूरेटिव याचिकाओं एवं संबंधित दस्तावेजों को पढ़ा है। हमारा मानना है कि इन याचिकाओं में रुपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा एवं अन्य के मामले में इसी अदालत के फैसले में निर्धारित मानदंडों के तहत निर्धारित सवाल नहीं उठाये गये हैं। इसलिए हम याचिकाएं खारिज करते हैं।