जयपुर। राजस्थान के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में कांग्रेस की जीत को भारी बहुमत के साथ अच्छी एवं भारतीय जनता पार्टी की निराशाजनक जीत बताते हुए भाजपा पर चुनाव में कुनीति एवं बेईमानी से लोकतंत्र का चीर हरण करने का आरोप लगाया है।
डोटासरा ने चुनाव परिणाम के बाद सोमवार शाम पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा, उसके नेताओं एवं आरएसएस की नीति रही है कि लोकतंत्र पर डाका डालो, प्रजातंत्र का चीर हरण करो, रिश्वत का खेल खेलों, लोकतंत्र का गला घोंटों, भाजपा ने साम-दाम-दण्ड-भेद से सत्ता पर काबिज हो और इसका सही उदाहरण जयपुर जिला प्रमुख के चुनाव में देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि जयपुर जिला प्रमुख के चुनाव में हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया। उन्होंने कहा कि जयपुर समेत कुछ क्षेत्रों में जो परिणाम नकारात्मक आए है वो हमारे लोगों के कारण आए है, कई लोगों ने पार्टी में रहकर विश्वासघात किया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में चुनी हुई सरकारों को गिराने की कुचेष्टा की गई और कहीं कामयाब भी हुए। हालांकि राजस्थान में सफलता नहीं मिली लेकिन इसी तरह जयपुर में जिला प्रमुख चुनाव में कुप्रयास किया गया जिसमें सफल रहे।
डोटासरा ने कहा किभा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां आज बड़े खुश हो रहे हैं लेकिन अपनी हार को कुटिल हंसी से छिपाने का प्रयास कर रहे थे। खुशी इस बात की कि उन्होंने अपने आमेर में जोड़-तोड़ से प्रधान बना लिए।
पूनियां की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर की गई टिप्पणी पर डोटासरा ने कहा कि जोधपुर को लेकर पूनियां ने गलत टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि छह जिलों में हुए चुनाव में कांग्रेस के तीन जगह जिला प्रमुख बने है हालांकि हमारे ही लोगों के विश्वासघात करने से जयपुर में जिला प्रमुख नहीं बना पाए।
छह जिलों में से नौ प्रधान निर्विरोध बने वो सभी कांग्रेस के है। भाजपा के 10 प्रधान महज एक मत के अंतर से जीते है। 22 पंचायतें ऐसी जो पिछली बार भाजपा के कब्जे में थी,आज कांग्रेस का बोर्ड बना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कितनी ही कोशिश कर ले, वर्ष 2023 में राज्य में फिर हमारी सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज के परिणाम कांग्रेस के लिए अच्छे है, भाजपा ने अतिउत्साह में लड्डू बांट दिए और हार को छुपाने के लिए काल्पनिक हंसी हंसते रहे।
उन्होंने कहा कि आज आए परिणाम में छह जिला प्रमुख में तीन जगह कांग्रेस के बने हैं। इसी तरह 78 प्रधानों में एक समर्थित सहित 50 प्रधान कांग्रेस के बने हैं जबकि भाजपा के इससे आधे 25 ही प्रधान बने हैं। तीन निर्दलीय प्रधान चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से आधी सीटें जीतने पर भी हार को छिपाने के लिए लड्डू बांटे गए।