श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन व्यापक दृष्टिकोण के साथ राज्य में मेलमिलाप के उद्देश्य से किया था और उसमें वह सफल रही।
भाजपा के गठबंधन से अलग होने की घोषणा के बाद मुफ्ती ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और कहा है कि पीडीपी अब किसी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने व्यापक नजरिये से राज्य में शांति कायम करने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था। यह गठबंधन सत्ता के लिए नहीं किया गया था बल्कि राज्य में मेलमिलाप, लोगों के साथ बातचीत तथा पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरु करने के मकसद से किया गया था। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में जोर जबरदस्ती की नीति कामयाब नहीं हो सकती।
मुफ्ती ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान विश्वास बहाली के कई कदम उठाए गए। ग्यारह हजार नौजवानों के खिलाफ मामले वापस लिए गए, एकतरफा संघर्ष विराम किया गया जिससे लोगों को सुकून मिला, मेलमिलाप की प्रक्रिया के लिए बातचीत का प्रस्ताव दिया गया, पाकिस्तान के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरु की गई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान गए। इसके अलावा धारा 370 और राज्य के विशेष दर्जे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होने दी गई।
मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के साथ इसलिए गठबंधन किया गया था कि वह देश की बड़ी पार्टी है और प्रधानमंत्री को बड़ा जनादेश मिला है। जम्मू कश्मीर के लोगों को मुसीबत से बाहर निकालना था। गठबंधन के लिए तालमेल करने में कई महीने लगे।
उन्होंने कहा कि हमने राज्य के तीनों हिस्सों कश्मीर घाटी, जम्मू तथा लद्दाख क्षेत्र को एकजुट रखने की कोशिश की और विकास कार्य किए। एकतरफा संघर्ष विराम से लोगों को सुकून मिला लेकिन दूसरी ओर से कोई जवाब नहीं मिला जिसकी वजह से यह खत्म हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस मकसद से गठबंधन किया गया था उसके लिए उनकी पार्टी ने पूरी कोशिश की और आगे भी जारी रहेगी।