नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने कथित दुष्कर्म मामले में ‘पीपली लाइव’ के सह-निर्माता महमूद फारूकी को बरी किए जाने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को शुक्रवार को बरकरार रखा और उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर शिकायतकर्ता की याचिका खारिज कर दी।
न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस मामले में फैसला बहुत अच्छी तरह से दिया गया था, और इसमें हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
फारूकी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक शोधार्थी का यौन शोषण करने के आरोप में उन्हें सात साल कारावास की सजा सुनाई थी।