नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अहम सहयोगी जनता दल यूनाइटेड उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों में उनकी पार्टी का कोई सदस्य शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक भागीदारी के लिए प्रस्ताव आया था, लेकिन उनकी पार्टी की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
कुमार ने कहा कि ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह से कल उनकी मुलाकात हुयी थी और उसमें उन्हें बताया गया कि राजग के सभी घटक दलों से एक-एक सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इस पर उन्होंने शाह को कल ही कह दिया था कि वह अपनी पार्टी के अंदर उनके इस प्रस्ताव पर बातचीत करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी वरिष्ठ नेताओं से विचार किया गया और सबकी राय थी कि सांकेतिक भागीदारी में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं है। पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी लेकिन वह पूरी तरह से सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि आज भी भाजपा के बिहार के प्रभारी भूपेन्द्र यादव से उनकी बातचीत हुई है और उसमे उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इस विषय पर कोई द्वंद या भ्रम नहीं है। सबकुछ पूरी तरह से स्पष्ट है जदयू मजबूती के साथ राजग के साथ है। बिहार में भी भाजपा के साथ मिलकर उनकी सरकार चल रही है।
इसबीच जदयू सत्रों के अनुसार पार्टी मोदी मंत्रिमंडल में कम से कम दो से तीन सदस्य चाहती थी लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं थी। गौरतलब है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीट में से 17-17 पर जदयू और भाजपा तथा छह सीट पर लोक जनशक्ति पाटी मिलकर लड़ी थी। इस चुनाव में भाजपा 17, जदयू 16 और लोजपा छह सीट पर विजयी हुई थी।