नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पेगासस जासूसी मामले की विशेष जांच संबंधी याचिका की सुनवाई 16 अगस्त तक स्थगित कर दी, लेकिन इस बीच याचिकाकर्ताओं को अदालत के बाहर समानान्तर बहस से बचने की सलाह दी।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसी को भी हद पार नहीं करनी चाहिए। इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए सभी को मौका दिया जाएगा।
न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को सलाह दी कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेगासस जासूसी की सुनवाई को लेकर समानान्तर बहस चलाने से परहेज करें।
इस पर याचिकाकर्ता एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं इस बात को लेकर सहमत हूं कि जिस मामले की सुनवाई कोर्ट में हो रही है, उसके बारे में बाहर चर्चा नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति रमन ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पेगासस मामले की जांच संबंधी नौ याचिकाओं पर सरकार से निर्देश लेने के लिए सोमवार (16 अगस्त) तक का समय दिया। नौ याचिकाओं में कथित पेगागस जासूसी मामले की जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में कराने की मांग की गई है।