वाशिंगटन/काबुल। अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 29 अगस्त को किए गए एक ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई, और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वे आईएसआईएस-के से जुड़े हुए थे या अमरीकी सेना के लिए खतरा थे। जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि यह एक गलती थी, और मैं गंभीरतापूर्वक माफी मांगता हूं।
अमरीकी रक्षा मंत्रालय के यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड की एक जांच में पाया गया कि अमरीकी हमले में एक निर्दोष सहायता कर्मी और उसके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई, जिनमें सात बच्चे भी शामिल थे। इस हमले को शुरू में ‘न्यायसंगत’ करार दिया गया था। हमले में मारी गई सबसे छोटी बच्ची सुमाया महज दो साल की थी। उसने बताया कि सुरक्षा बलों ने कार में जिस चीज को रखते हुए देखा था, वह विस्फोटक नहीं बल्कि पानी के कंटेनर थे।
पेंटागन ने बताया कि अमरीकी खुफिया एजेंसी ने आठ घंटे तक उस व्यक्ति की कार को ट्रैक किया था, क्योंकि इसे आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट-खोरासान से जुड़े एक परिसर में देखा गया था। जांच में पाया गया कि कार की गतिविधि काबुल हवाईअड्डे पर हमले के लिए आतंकवादी समूह की योजनाओं के बारे में खुफिया एजेंसियों को मिली सूचनाओं से काफी हद तक मेल खाती है।
इसी दौरान, एक निगरानी ड्रोन ने कुछ लोगों को कार के ट्रंक में विस्फोटक लोड करते हुए देखा, लेकिन बाद में जांच में वे पानी के कंटेनर निकले। सहायता कर्मी जमैरी अकमाधी की कार पर हवाई अड्डे से करीब तीन किमी दूर हमला किया गया।
ड्रोन हमले के बाद कार में दूसरा बड़ा धमाका हुआ था, जिसके आधार पर अमरीकी अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि कार में विस्फोटक लदे हुए थे, लेकिन जांच में पाया गया कि संभवत: मार्ग में किसी प्रोपेन टैंक के कारण यह धमाका हुआ।
पीड़ितों के रिश्तेदारों ने बताया कि उन्होंने अमरीका जाने के लिए आवेदन किया था और वे हवाई अड्डे पर जाने के लिए एक फोन कॉल का इंतजार कर रहे थे।