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कंटेनमेंट जोन में पूर्णबंदी की अवधि 30 जून तक बढायी गयी - Sabguru News
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कंटेनमेंट जोन में पूर्णबंदी की अवधि 30 जून तक बढायी गयी

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कंटेनमेंट जोन में पूर्णबंदी की अवधि 30 जून तक बढायी गयी
Period of completion in the Containment Zone extended till 30th June
Period of completion in the Containment Zone extended till 30th June
Period of completion in the Containment Zone extended till 30th June

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण देश भर में पिछले दो महीने से भी अधिक समय से लागू पूर्णबंदी को अब केवल कंटेनमेंट जोन तक सीमित कर इसकी अवधि तीस जून तक बढा दी गयी है।

कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों पर पर चौथे चरण में लागू पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का निर्णय लिया गया है। केन्द्रीय गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से आज इस बारे में एक आदेश जारी किया।

आदेश के साथ कंटेनमेंट जोन के लिए विशेष दिशा निर्देश भी जारी किये गये नये दिशा निर्देशों में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जायेगा और इस दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना होगा।

पहले चरण में आगामी 8 जुलाई से धार्मिक स्थ्लों , होटलों, रेस्तराओं और अन्य आतिथ्य केन्द्रों और शापिंग मॉल को
खोलने की अनुमति दी गयी है। इन गतिविधियों के लिए जल्द ही एसओपी जारी की जायेगी।

दूसरे चरण में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ सलाह के बाद स्कूल, कालेज , शैक्षणिक, प्रशिक्षण और
कोचिंग संस्थान आदि खोले जायेंगे। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश संस्थानों , अभिभावकों और अन्य पक्षधारकों के साथ
भी सलाह करेंगे। इन सलाह मश्विरों के आधार पर इन संस्थानों को खोलने के बारे में निर्णय जुलाई में लिया जायेगा।
इसके बारे में भी सभी संबंधित पक्षों और एजेन्सियों के साथ मिलकर एसओपी जारी की जायेगी।

तीसरे चरण में स्थिति के व्यापक आकलन के बाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा , मेट्रो रेल, सिनेमा हाल, जिम, तरणताल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार , ऑडिटोरियम, एसेम्बली हाल और इसी तरह की अन्य जगहों को खोलने के बारे में निर्णय लिया जायेगा। साथ ही सामाजिक , राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, संस्कृति, धार्मिक समारोह और भीड वाली सभाओं के आयोजन के बारे में भी निर्णय स्थिति के आकलन के बाद ही लिया जायेगा।