इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रशासक परवेज मुशर्रफ ने कहा कि विशेष अदालत से उन्हें देशद्रोह के मामले में मिली फांसी की सजा ‘निजी दुश्मनी’ के आधार पर दी गई है।
जियो न्यूज के अनुसार मुशर्रफ ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा, “मैंने अपने खिलाफ विशेष अदालत का फैसला टेलीविजन पर सुना। इससे पहले इस तरह के फैसले का कोई उदाहरण नहीं है जिसमें वादी अथवा उसके वकील को बचाव में बात रखने की अनुमति नहीं दी गई हो।”
उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से कहा गया था कि यदि विशेष कमीशन दुबई आता है तो वह अपना बयान देने के लिए तैयार हैं ,लेकिन बयान दर्ज कराने के लिए उनके अनुरोध को नजरदांज किया गया। गंभीर रुप से बीमार पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ इस समय दुबई में है और उनका उपचार चल रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, “मैं इस फैसले को संदिग्ध मानता हूं क्योंकि इस मामले में सुनवाई के प्रारंभ से अंत तक कानून के प्रभुत्व को नजरदांज किया गया।” उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का सम्मान करते हैं और मुख्य न्यायाधीश खोसा की तरह ही वह भी इस बात में विश्वास करते हैं कि कानून के समक्ष सब समान हैं।
पूर्व सैन्य प्रशासक ने संदेश में कहा, “ हालांकि मेरे विचार में मुख्य न्यायाधीश खोसा ने इस मामले में तेजी से फैसला देकर अपनी धारणा को परिलक्षित किया है। जज जिसने मेरे कार्यकाल के दौरान निजी फायदा उठाया वह कैसे मेरे खिलाफ फैसला दे सकता है ।’’
उन्होंने पाकिस्तान के लोगों और वहां के सैन्य बलों का अपने कार्यकाल के दौरान देश की सेवा को याद किए जाने के लिए धन्यवाद किया है । उनहोंने कहा कि वह कानूनी सलाह लेने के बाद इस मामले में अपनी आगे की योजना का एलान करेंगे। मुशर्रफ को मंगलवार को एक विशेष अदालत ने देशद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुनाई है।