मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों समेत तीन की पीट-पीट कर हत्या किये जाने के मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सुपुर्द किये जाने के लिए शुक्रवार को बम्बई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी।
पालघर में दो संतों और उनके वाहन चालक की 16 अप्रैल को पुलिस की मौजूदगी में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। दिल दहला देने वाली इस घटना में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया जा चुका है। महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच पुलिस की अपराध शाखा को सौंपी है।
याचिका में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि मामले की जांच एनआईए से कराई जाये। इस घटना के बाद सियासत में उबाल अया हुआ है। सोलह अप्रैल की रात जूनागढ़ के दो साधु अपने ड्राइवर के साथ किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वैन से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे।
रात्रि में उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतकों के नाम महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) हैं। कल्पवृक्ष गिरि महाराज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के निवासी थे। सुशील गिरि भी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के मूल निवासी थे।