नई दिल्ली। पीस पार्टी के बाद अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने अयोध्या मामले में शुक्रवार को क्यूरेटिव याचिका दाखिल की।
पीएफआई ने गत वर्ष नौ नवंबर के फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने क्यूरेटिव याचिका पर खुली अदालत में बहस की मांग की है। याचिका में मांग की गयी कि शीर्ष अदालत अपने नौ नवंबर 2019 के आदेश पर रोक लगाए, जिसमें उसने विवादित जमीन का फैसला रामलला के हक में किया था।
उल्लेखनीय है कि दोनों ही याचिकाकर्ता इस मुकदमे में पक्षकार नहीं थे।
गौरतलब है कि अयोध्या के राम जन्मभूमि, बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में पहली क्यूरेटिव पिटीशन (संशोधन याचिका) 21 जनवरी को पीस पार्टी ने दायर की थी।
इस मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद पीस पार्टी के डॉक्टर अयूब ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले में फैसला आस्था के आधार पर लिया गया था।
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने नौ नवंबर 2019 को अयोध्या मामले में अपना फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ 19 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गयी थी।
उच्चतम न्यायालय ने गत 12 दिसंबर को सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया था।