भीलवाड़ा। अन्तरराष्ट्रीय फड़ चित्रकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित श्रीलाल जोशी का शुक्रवार को राजस्थान के भीलवाड़ा में निधन हो गया। वह नब्बे साल के थे।
जोशी पिछले दस दिन से अस्वस्थ थे। उनके परिवार में पुत्र कल्याण जोशी एवं गोपाल जोशी है। इनके दोनों पुत्र भी फड़ चित्रकला में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित है।
बाऊसा के नाम से प्रसिद्ध जोशी ने विश्व में बीस से अधिक देशों में अपनी फड़ चित्र कला का प्रदर्शन कर देश को गौरान्वित किया है, विश्व के कई प्रसिद्ध संग्रहालयों में उनकी कलाकृतियां अब अमूल्य धरोहर बन चुकी है।
उनकी अंतिम यात्रा शनिवार सुबह सवा नौ बजे उनके निवास स्थान सांगानेर गेट स्थित चित्रशाला से रवाना होकर पंचमुखी मोक्ष धाम जायेगी जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जोशी का जन्म पांच मार्च 1931 को भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में कलाविद जोशी परिवार में हुआ था। उनके पिता रामचंद्र जोशी ने तेरह साल की उम्र में ही उन्हें इस पारंपरिक कला में शामिल कर लिया। पिछले छह दशकों में उन्होंने अपने काम के माध्यम से राजस्थान की लोक चित्रकला की विभिन्न शैलियों में समृद्ध अनुभव प्रदर्शित किया।