अहमदाबाद । देश में औषधि निर्माण क्षेत्र की कंपनियों की प्रमुख सालाना प्रदर्शनी फार्माक इंडिया का नौवां संस्करण फार्मा क्षेत्र के अग्रणी राज्य गुजरात की व्यवसायिक राजधानी अहमदाबाद में 25 से 27 अक्टूबर तक आयोजित होगा।
फार्माक इंडिया 2018 आयोजन समिति के अध्यक्ष चिराग दोशी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि इसमें अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, जहां बहुतायत में भारतीय दवाओं का निर्यात होता है, के प्रतिनिधियों समेत बड़ी संख्या में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। इसमें फार्मा मशीनरी, इंजीनियरिग, फार्म्यूलेशन, पशु दवाओं, दवा प्रशीतन, सहायक उद्योगों और सुरक्षा उपकरणों आदि से संबंधित चीजों का विस्तृत प्रदर्शन होगा।
दोशी ने बताया कि पहाड़ी राज्यों को दिये गये कर छूट के वर्ष 2017 से 2020 के बीच समाप्त होने तथा जीएसटी के शुरूआती प्रतिकूल प्रभाव के समाप्त होने के बाद अब गुजरात, जहां देश की कुल लगभग 8000 दवा निर्माण इकाइयों में से 3300 हैं, में ऐसी और इकाइयों को स्थापित करने के प्रस्तावों में खासी तेजी आयी है। 155 नये प्रस्ताव आये हैं जबकि 32 पहले से स्थापित कंपनियों ने विस्तारीकरण का प्रस्ताव दिया है। गुजरात का देश के फार्मा क्षेत्र में हिस्सा मौजूदा 33 प्रतिशत से बढ़ कर 2020 तक 40 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि रूपये के डॉलर की तुलना में कमजोर पड़ने से दवा उद्योग को नुकसान हुआ है क्योंकि यह बड़े पैमाने पर कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है। इस मौके पर भारतीय औषधि विनिर्माता संघ की कार्यकारी समिति के सदस्य डा़ मिलन सतिया ने कहा कि अगले पांच साल में अमेरिका और यूरोप की लगभग 137 अरब डालर के दवाओं का पेटेंट समाप्त हो रहा है जिससे भारतीय जेनेरिक दवा निर्माताओं के लिए एक बड़ा अवसर पैदा होगा।