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अजमेर के फोटो जर्नलिस्ट आनंद शर्मा की फोटो प्रदर्शनी 'सलाम' का आगाज - Sabguru News
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अजमेर के फोटो जर्नलिस्ट आनंद शर्मा की फोटो प्रदर्शनी ‘सलाम’ का आगाज

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अजमेर के फोटो जर्नलिस्ट आनंद शर्मा की फोटो प्रदर्शनी ‘सलाम’ का आगाज

अजमेर। अजमेर के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट आनंद शर्मा अज्ञात के द्वारा अजमेर को एक्सपोज करने के लिए खींचे गए फोटो की प्रदर्शनी का बुधवार को सूचना केंद्र में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, नगर निगम महापौर धर्मेंद्र गहलोत और कलेक्टर गौरव गोयल ने उदघाटन किया। इस प्रदर्शनी को सलाम अजमेर का नाम दिया गया है। इसमें 109 फोटो प्रदर्शित किए गए हैं।

कलक्टर गौरव गोयल ने कहा कि अजमेर की खुबसूरती को फोटो के माध्यम से आनंद शर्मा ने विस्तारित किया है। इन फोटो का उपयोग भविष्य में विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा। इस तरह की प्रदर्शनी से अजमेर को ख्याति प्राप्त होगी। पर्यटकों की संख्या की वृद्धि होगी। अजमेर को आनंद शर्मा के कैमरे की नजर से देशी एवं विदेशी पर्यटक देखेंगे।

इस अवसर पर महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा की इस तरह के प्रयास सरहानीय है। इस तरह के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। गहलोत ने आश्वस्त किया की यदि शहर की कोई प्रतिभा इस तरह का आयोजन करती है तो नगर निगम द्वारा मदद की जाएगी। अजमेर की प्रतिभाओं को आगे लाने का दायित्व सभी का है।

फोटो जर्नलिस्ट आनन्द शर्मा ने बताया कि सुचना केंद्र में अपनी चुनिन्दा फोटो प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शित फोटो में अजमेर की खूबसूरती के साथ ही अजमेर में होने वाले ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स, अन्तराष्ट्रीय पुष्कर मेला जैसे धार्मिक कार्यक्रम, अजमेर की एतिहासिक धरोहरों को भी प्रदर्शित किया गया है।

फोटो प्रदर्शनी शुभारंभ के अवसर पर नोबल प्राइज विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि आनन्द शर्मा के कैमरे से बहुत खूबसूरत नजर आ रहा है। इस तरह के प्रयासों को सराहना व प्रोहत्साहन मिलना चाहिए।

प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी पहुंचे। इनमें स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल, माकडवाली, सेंट्रल अकेडमी स्कूल, रायन स्कूल, संस्कृति स्कूल के साथ ही ब्लोसम और मीनू मनोविकार स्कूल के बच्चो के साथ सत्यार्थी ने संवाद किया और उन्हें दूसरों की भलाई के काम करने की सीख दी।

सत्यार्थी का कहना था कि जीवन में अच्छे काम ही पहचान सदियों तक कायम रखते हैं। लोगों को अपने ही परिवार की पांच पीढियों के नाम याद नहीं रहते लेकिन हजारों साल बाद भी दुनिया भगवान राम और कृष्ण को याद रखती है।