नई दिल्ली। वर्ष 2008 में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के बीच हुए समझौते की जांच का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग को लेकर बुधवार को एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गई।
याचिका दायर करके कांग्रेस और सीपीसी के बीच हुए उस समझौते की असलियत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने के निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें उच्च-स्तरीय सूचना और सहयोग के आदान-प्रदान को लेकर सहमति बनी थी।
याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा और सेवियो रॉड्रिग्स ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह जनहित याचिका दायर करके कांग्रेस और सीपीसी के बीच समझौते के विस्तृत ब्योरे को उजागर करने की मांग की है। झा पेशे से वकील हैं जबकि रॉड्रिग्स गोवा क्रॉनिकल के एडिटर-इन-चीफ हैं।
याचिकाकर्ताओं ने कांग्रेस, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से इस मामले में गैर-कानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून, 1967 के तहत एनआईए जांच के निर्देश देने की मांग की है।