झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में पिलानी (सुरक्षित) सीट से भारतीय जनता पार्टी विधायक सुंदर लाल अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
जिले से सात बार विधायक बने सुंदर लाल ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उनकी 86 वर्ष से अधिक उम्र हो गई है और वह अब बढ़ती उम्र एवं अस्वस्थता के कारण निरन्तर राजनीति में सक्रिय नहीं रह पाते हैं। इस कारण अब आगे कोई भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया है। अब उनका पुत्र कैलाश मेघवाल उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगा।
सुन्दर लाल अब तक दस विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें तीन बार वह हार का सामना भी कर चुके हैं। जिले के बुहाना क्षेत्र के कलवा गांव में 1933 में अनुसूचित जाति के घर जन्मे सुन्दरलाल की राजनीति में आने से पहले एक भजन गाने वाले के रुप में पहचान थी और उन्होंने वर्ष 1965 में सुन्दरलाल झांझा ग्राम पंचायत में पंच बन कर अपनी राजनीति की शुरूआत की।
इसके बाद उन्होंने वर्ष 1972 के कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में सूरजगढ़ (सुरक्षित) सीट से पहली बार विधायक बने। इसके बाद उन्होंने 1980 में निर्दलीय, 1985 में कांग्रेस, 1993 में निर्दलीय, वर्ष 2003 में भाजपा के टिकट पर सूरजगढ़ से विधायक बने। इसके पश्चात 2008 के परिसीमन में सूरजगढ़ सीट सामान्य हो जाने पर उन्होंने पिलानी (सुरक्षित) सीट पर वर्ष 2008 एवं 2013 में भाजपा उम्मीदवार के रुप में विधायक बने।
सुन्दरलाल 1985 से 1990 तक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी रहे। वह वर्ष 1989 से 1990 तक हरिदेव जोशी सरकार में संसदीय सचिव रहे। वर्ष 1993 में कांग्रेस से टिकट कटने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीतकर भाजपा की भैंरोसिंह शेखावत सरकार को समर्थन दिया एवं उर्जा, मोटर गैराज विभाग में राज्य मंत्री बने।
वर्ष 1998 में वह भाजपा में शामिल हो गए और 1998 से 2000 तक भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे। सुन्दरलाल वर्ष 2004 से 2008 तक तथा वर्ष 2015 से अब तक राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष हैं।