नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 3 लाख 5 हजार 296 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आम चुनाव से पहले शुक्रवार को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट प्रावधानों में रक्षा बजट के लिए 3 लाख करोड़ रूपए से अधिक का आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि सीमाओं को सुरक्षित रखने और उच्चतम स्तर की तैयारी बनाए रखने के लिए जरूरत पडने पर इस राशि को और बढाया जाएगा।
वर्ष 2018-19 में रक्षा क्षेत्र के लिए 2 लाख 95 हजार 511 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। यह राशि केन्द्र सरकार के कुल खर्च का 12.10 फीसदी थी। इसमें से 1 लाख 95 हजार 947 करोड रूपए नेट एक्सपेंडिचर और 99 हजार 536 करोड रूपए पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए थे। इससे पहले वर्ष 2017-18 में रक्षा क्षेत्र के लिए 2 लाख 79 हजार करोड रूपए का प्रावधान किया गया था।
गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों की एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के लिए 2014.15 के अंतरिम बजट में मात्रा 500 करोड़ रूपए मंजूर किए थे जबकि उनकी सरकार इस मद में अब तक 35 हजार करोड़ रूपए भूतपूर्व सैनिकों को दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि सैनिक दुर्गम परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करते हैं और वे देश का गर्व और सम्मान है। उनके सम्मान पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान दिया गया है। ओआरओपी का मुद्दा पिछले 40 वर्षों से लंबित था अब इसे हल कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार सैन्य सेवा वेतनमान (एमएसपी ) में बढोतरी और अत्यधिक जोखिम से भरे क्षेत्रों में तैनात नौसेना और वायुसेना कर्मियों को विशेष भत्ते दिए जाने की घोषणा कर चुकी है।