नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि वर्ष 2013 से 2017 के दौरान स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में 80 फीसदी की कमी आई है और 246.8 करोड़ डॉलर से घटकर 52.4 करोड़ डॉलर पर आ गई और वर्ष 2017 में इसमें 34.5 फीसदी की गिरावट आई।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज राज्यसभा में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन राशि दोगुनी होने संबंधी मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया और कहा कि इसके विपरीत पिछले वर्ष इन बैंकों में भारतीयों की जमा राशि और ऋण में 34 फीसदी की कमी आई है।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बेबुनियाद मीडिया रिपोर्टों के आधार पर देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि दोगुना हो गई है। उन्होंने कहा कि स्विस अधिकारियों ने इन रिपोर्टों के बारे में लिखित जवाब भेजा है और कहा है कि इनमें आंकडों का गलत आकलन किया गया है।
इस बीच वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने स्विटजरलैंड के राजदूत के पत्र के आधार पर कहा कि वर्ष 2014 में स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन घटकर 223.4 करोड़ डॉलर रहा जो वर्ष 2015 में घटकर 144.7 करोड़ डॉलर पर आ गया। वर्ष 2016 में यह घटकर 80 करोड़ डॉलर पर आ गया और वर्ष 2017 में ताे यह 52.4 करोड़ डॉलर पर आ गया।
सूत्रों ने कहा कि स्विस बैंकों के आंकड़ों का गलत आकलन किया गया क्योंकि इसमें भारत में स्थित स्विस बैंकों के गैर जमा कारोबारी देनदारियों भी शामिल है।
गोयल ने सदन को बताया कि स्विस अधिकारियों ने कहा कि भारतीय निवासियों की स्विस वित्तीय संस्थानों में जमा धनराशि के बारे में स्विस नेशनल बैंक द्वारा प्रकाशित आंकडों का भारतीय मीडिया में नियमित रूप से विश्वसनीय संकेतों के तौर पर उल्लेख किया जाता है।
प्राय: इन मीडिया रिपोर्टों में उन तरीकों पर ध्यान नहीं दिया जाता जिनके आधार पर आंकडों की व्याख्या की जाती है। इसका परिणाम भ्रामक हेडलाइन और व्याख्या के रूप में सामने आता है। अक्सर यही माना जाता है कि भारतीय निवासियों की वहां जमा राशि और संपत्ति अघोषित है जिसे कथित काला धन कहा जाता है।
गोयल ने बताया कि स्विस अधिकारियों ने यह भी कहा कि स्विटजरलैंड में भारतीय निवासियों की जमा धनराशि का विश्लेषण करने के लिए आंकड़ों के एक अन्य स्रोत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिसे कथित ‘लोकेशनल बैंकिंग स्टेटिस्टिक्स’ कहा जाता है। स्विस नेशनल बैंक इन आंकड़ों को बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंंट्स के सहयोग से एकत्र करता है।
उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ इंटरनेशल सेटलमेंट्स के सहयोग से स्विस नेशनल बैंक द्वारा एकत्रित आंकड़ों से यह पता चलता है कि वर्ष 2017 में स्विस बैंकों के अलावा अन्य भारतीय कंपनियों या व्यक्तियों द्वारा स्विस बैंक में जमा राशि तथा अन्य ऋण में वर्ष 2016 की तुलना में 34.5 फीसदी की कमी आयी है। इसके अलावा वर्ष 2013 और 2017 के बीच भारतीयों के स्विस गैर-बैंक ऋणों तथा जमा राशि में 80.2 फीसदी तक की कमी आयी है।
गोयल ने कहा कि सरकार ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाये हैं और इनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्विस अधिकारियों ने वहां के बैंकों में जमा भारतीयों की राशि के बारे में 4,843 जानकारियां दी हैं और जिनके आधार पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गत जनवरी को स्विटजरलैंड के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसके तहत वहां भारतीयों द्वारा किए जाने वाले किसी भी लेन-देन की जानकारी स्वत: भारत को मिलती रहेगी। इसके तहत वर्ष 2019 से इन लेन-देन के बारे में जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी।