नयी दिल्ली । तेल विपणन कंपनियों ने घरेलू विमान सेवा कंपनियों के लिए 01 दिसंबर से विमान ईंधन की कीमत में 10 से 11 प्रतिशत तक की कटौती की है जिससे वित्तीय संकट से जूझ रहे विमानन क्षेत्र को काफी राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि विमान सेवा कंपनियों की कुल लागत का 35 से 40 प्रतिशत विमान ईंधन पर खर्च होता है। इसकी बढ़ती कीमतों के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू दोनों विमान सेवा कंपनियों की वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है। दिल्ली में नवंबर में विमान ईंधन की कीमत 76,378.80 रुपये प्रति किलोलीटर पर पहुँच गयी थी जो ऐतिहासिक दूसरा उच्चतम स्तर है। अक्टूबर 2013 में इसकी कीमत 77 हजार रुपये प्रति किलोलीटर के पार रही थी।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी गिरावट और डॉलर की तुलना में रुपये की मजबूती से दिसंबर महीने के लिए विमान ईंधन की कीमत 8,327.83 रुपये यानी 10.90 प्रतिशत घटाकर 68,050.97 रुपये प्रति किलोलीटर तय की गयी है। यह मई 2018 के बाद का निचला स्तर है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अप्रैल से सितम्बर के बीच शेयर बाजार में सूचीबद्ध तीन कंपनियों में से जेट एयरवेज को 262 करोड़ 62 करोड़ और स्पाइसजेट को करीब 43 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आयी गिरावट का लाभ विमान सेवा कंपनियों को देने के लिए तेल विपणन कंपनियों से कहा था। इसके बाद विमान ईंधन की कीमत में इस बड़ी गिरावट से एयरलाइंस को काफी राहत मिलेगी।
कोलकाता में विमान ईंधन 9.88 प्रतिशत सस्ता होकर 73,393.55 रुपये, मुंबई में 10.57 प्रतिशत सस्ता होकर 67,979.58 रुपये और चेन्नई में 10.71 प्रतिशत सस्ता होकर 69,216.61 रुपये प्रति किलोलीटर हो गया है।