लुसाने। फीफा मेडिकल समिति के चैयरमैन माइकल डी हूघे ने कहा है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए फुटबॉल के मुकाबले सितंबर तक नहीं कराए जाने चाहिए और जब फुटबॉल शुरू हो तो मैदान पर थूकने वाले खिलाड़ी को पीला कार्ड दिखाया जाए।
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में खेल गतिविधियां ठप पड़ी हुई है। डी हूघे ने कहा कि इस हालात में स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है और यह व्यवसाय का मुद्दा नहीं है बल्कि जीवन और मौत का सवाल है।
उन्होंने कहा कि यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे खतरनाक स्थिति है जहां चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं है। हमें इसे कम नहीं आंकना है और सच्चाई का सामना करना है।
बेल्जियम के पूर्व फुटबॉल प्रशासक का बयान ऐसे समय आया है जब बुंदेसलीगा अगले महीने फुटबॉल गतिविधि शुरु करने पर विचार कर रहा है और प्रीमियर लीग को जून में दर्शकों के बिना कराए जाने की उम्मीद है।
डी हूघे ने कहा कि विश्व अभी फुटबॉल के लिए तैयार नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि हालात जल्द से जल्द सुधरें। हमें फिलहाल धैर्य रखने की जरुरत है। फुटबॉल तभी हो सकता है जब खिलाड़ी एक दूसरे से मिल सकें।
उन्होंने कहा कि अभी भी सामाजिक दूरी का पालन करना जरुरी है। टेस्ट कराना जरुरी है लेकिन आपको लगातार टेस्ट कराने होंगे। अगर कोई एक खिलाड़ी भी इससे संक्रमित हुआ तो आपको पूरी टीम को क्वारेंटाइन करना होगा। ऐसे में टूर्नामेंट कैसे कराए जा सकते हैं।
यह भी ध्यान रखना होगा कि जब फ़ुटबाल शुरू हो तो मैदान में थूकने वाले खिलाड़ी को पीला कार्ड दिखाकर दंडित किया जाए जो बाद की परिस्थितियों में सुरक्षा के लिहाज से जरूरी होगा।